डॉ. गंगाप्रसाद गुप्त ‘बरसैंया’ (आत्मज श्री सखाराम गुप्त)। जन्म स्थान : भौंरी, जिला बाँदा, (अब चित्रकूट) उ.प्र.। जन्म तिथि : 6 फरवरी, 1937। योग्यता : एम.ए. (हिन्दी), पीएच.डी. (जबलपुर वि.वि. से ‘हिन्दी साहित्य में व्यक्तिवादी निबन्ध और निबन्धकार’ विषय पर सन् 1964)। प्रकाशित कृतियाँ : हिन्दी साहित्य में व्यक्तिवादी निबन्ध और निबन्धकार; छत्तीसगढ़ का साहित्य और उसके साहित्यकार; आधुनिक काव्य : सन्दर्भ और प्रकृति; हिन्दी के प्रमुख एकांकी और एकांकीकार; बुन्देलखंड के अज्ञात रचनाकार (शोध-निबन्धों का संग्रह); चिन्तन-अनुचिन्तन (समीक्षात्मक निबन्ध); हिन्दी का प्रथम अज्ञात सुदामा चरित्र (सम्पादन); वीर विलास (आल्हा सम्बन्धी प्राचीनतम पाण्डुलिपि); अरमान वर पाने का (व्यंग्य लेखों का संग्रह); निन्दक नियरे राखिये (व्यंग्य लेखों का संग्रह); अथ काटना कुत्ते का भइया जी को (व्यंग्य-संग्रह); कर्म और आराधना (चिन्तनपरक आलेख); रचना से रचना तक (समीक्षात्मक लेखों का संग्रह); तुलसी के तेवर; रस विलास (सम्पादन); मेरी जन्मभूमि : मेरा गाँव; कभी-कभी यह भी (काव्य-संग्रह); नारी : एक अध्ययन; बुन्देली : एक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (सम्पादन); मानस मनीषा; रूपक और साक्षात्कार; विन्ध्यालोक (सम्पादन); लोक वाटिका; शब्दों के रंग : बदलते प्रसंग; रचना अनुशीलन (समीक्षा); सृजन-विमर्श (समीक्षा); खरी-खरी (काव्य); संवाद : साहित्यकारों से; एकांकी संकलन; मध्यकालीन काव्य; बुन्देलखंड का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य; बुन्देली धरा के अनखुले पृष्ठ; छत्तीसगढ़ की साहित्यिक-विभूतियाँ; मनोभूमि के विविध रंग; छतरपुर जिले का साहित्यिक गजेटियर; आठ रूपक (अप्रकाशित); बुन्देली विविधा; कलम की अनंत दिशायें। अन्य प्रकाशन : लगभग 200 शोधपरक निबन्धों का देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन तथा अनेक ग्रन्थों का संकलन। समय-समय पर अनेक शोध पत्रिकाओं, स्मारिकाओं व ग्रन्थों का सम्पादन। साहित्यिक सम्बद्धता : अनेकों साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन व साहित्यिक संस्थाओं से सम्बन्ध। सम्मान : महामहिम उप-राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल जी शर्मा द्वारा अ.भा. भाषा साहित्य सम्मेलन की ‘साहित्य श्री’ उपाधि से सम्मानित तथा सम्मेलन द्वारा सर्वोच्च राष्ट्रीय अलंकरण ‘भारत भाषा भूषण एवं सरस्वती सम्मान’ के साथ अनेकों सम्मानों व पुरस्कारों से अलंकृत। प्रशासनिक अनुभव : 40 वर्षों तक हिन्दी के आचार्य, विभागाध्यक्ष एवं स्नातक व स्नातकोत्तर प्राचार्य, म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत महाविद्यालयीन सेवा के अन्तर्गत। केशव अनुसंधान केंद्र, ओरछा के दो वर्ष संचालक रहे। वर्तमान पता : HIG–124, भरहुत नगर, सतना (म.प्र.)–485-001
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Criticism Aalochana / आलोचना, Discourse / Vimarsh / विमर्श, Hard Bound / सजिल्द, Sanchayan / Essays / Compilation संचयन / निबंध / संकलन (Anthology)
Achhor Chetna ke Naveen Chhor / अछोर चेतना के नवीन छोर
अनुक्रम
लोक-मंगल के कवि तुलसीदास के तीन ग्रंथ (रामलला-नहछू, पार्वती-मंगल, जानकी-मंगल)
रामलला नहछू : लोकरीति का चित्रांकन
हनुमान बाहुक–तुलसी की अन्त:पीर
विनय-पत्रिका – आराध्य के प्रति भावोद्गार
राम-वनगमन पर लक्ष्मण…Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View