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Sehastrabdi : Pichhale 1000 Varshon ka Ghatnakram – सहस्राब्दी : पिछले 1000 वर्षों का घटनाक्रम – Chronology of Historical Events, Ghatnakram – Events of Millennium

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Language: Hindi
Pages: 654
Book Dimension: 5.5″ x 8.5″
Format: Hard Back

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पुस्तक के बारे में

श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने 45 साल की पत्रकारिता जीवन में नैमित्तिक कार्य करते हुए “सहस्त्राब्दी : पिछले 1000 वर्षों का घटनाकर्म” का संकलन एवं संपादन कर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों, राजनीतिक बहस करनेवालों नेताओं और शोधकार्य करनेवाले अध्यताओ की सहायता की है। इन्होंने ’मध्यप्रदेश विकास वार्षिकी’ और ’मध्यप्रदेश आज और कल’ की भी रचना की है। इनके अनुसार इस विषय पर हिंदी में यह एकमात्र संदर्भ ग्रंथ है। यूं अंग्रेजी में मिलेनियम पर कुछ पुस्तकें उपलब्ध है पर भारतीय दृष्टिकोण से उसका कोई मेल नहीं खाता। अंग्रेजी की पुस्तकों में विश्व की प्राचीन संस्कृति की जननी भारत भूमि के बारे में ज्ञान आधा अधूरा है भारत की ज्योतिषीय काल गणना के अनुसार दुनिया कई लाख वर्ष पुरानी है, जिसका उल्लेख इस पुस्तक में विस्तार से किया गया है। ज्योतिष और गणना का मुख्य आधार ‘शून्य’ की संकल्पना के जनक भारत के विद्वान, तपस्वी ऋषि ही हैं। वैसे आधुनिक विज्ञान के जनक माने जानेवाले वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन मानते हैं कि इस सृष्टि में अनेक धरतियां, आकाश, समस्त गृह नक्षत्रों के साथ आकाश गंगाएं अनगिनत हैं।वे कहते हैं कि समुंद्र की रेत के कण गिने जा सकते हैं पर कितने ही गृह नक्षत्र और आकाश गंगाएं उनके सूर्य चंद्र नक्षत्र पृथक पृथक हैं। हमारा वांग्मय साहित्य जिसमे वेद पुराण शामिल हैं, सप्रमाण बताते हैं कि हमारे चक्रवर्ती सम्राट विश्व विजयी होते थे। हमारा व्यापार जलमार्ग के द्वारा सारे संसार में होता था। हमने युद्ध से नहीं सौजन्य और सौहार्द से विश्व विजयी बने थे। हमारे ऋषि मुनियों ने पूर्वजों ने एकात्मता का संदेश विश्व को दिया था। इस संदर्भ ग्रंथ की विषय सूची अत्यंत सार्थक और व्यवहारिक है। वे केवल विश्व की सहस्त्राब्दी तक सीमित नहीं हैं बल्कि भारत के हजार साल का लेखा जोखा है। इस संदर्भ ग्रंथ मे एतिहासिक, भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक पक्षों को भी बड़ी कुशलता से समाहित किया गया है। इस सहस्त्राब्दी में विश्वभर के महापुरुषों की सचित्र जीवनियां भी दी गई हैं, जो शोधार्थियों और विद्यार्थियों के साथ-साथ सामान्य जन के लिये भी उपयोगी होंगी। दूसरी सहस्त्राब्दी के दौरान हमारी सम्पूर्ण परतंत्रता का कालखंड आता है। मध्य और पश्चिम एशिया से अक्रांता प्रारंभ में भारत को लूटने के उद्देश्य से आए और साम्राज्य स्थपित किया। उसी तरह अंग्रेज व्यापार करने आए और देश पर शासन करने लगे। हमारे भविष्य की पीढ़ियां इतिहास के इन काले पन्नों से अनिभिग्य ना रहें, यह सुनिश्चित करना आवश्यक हैं।

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Description

खंड : एक
समय को मापने का प्रयास

  • कैलेंडर का इतिहास
  • समय को मापने की कोशिश
  • हिन्दू संवत्, वर्ष, मास और वार
  • सहस्राब्दी के बारे में भ्रांतियाँ
  • यह है 52वीं शताब्दी
  • ईस्वी सन् से ईसाई धर्म का कोई सम्बन्ध नहीं

खंड : दो
विश्‍व के हजार साल

  • विश्‍व : सहस्राब्दी पर एक द‍ृष्‍टि
  • विश्‍व-घटनाक्रम
  • अन्तरराष्‍ट्रीय चर्चे प्रेम के
  • विमान अपहरण
  • सहस्राब्दी के प्रमुख आविष्कार

खंड : तीन
भारत की सहस्राब्दी

  • भारत : विहंगम द‍ृष्‍टिपात
  • राजशाही से लोकशाही की ओर
  • राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष
  • पाकिस्तान में आजादी के साथ खिलवाड़
  • भारत में दूरसंचार
  • आतंकवाद की चपेट में
  • भारत में राष्‍ट्रपति शासन
  • भारत में प्रशासन की सहस्राब्दी
  • बाजार की सहस्राब्दी
  • सहस्राब्दी में हिन्दी
  • ऑपरेशन ‘विजय’
  • प्रथम सौ भारतीय अरबपति उद्यमी
  • श्रमिक आंदोलन
  • सहस्राब्दी में उल्लेखनीय
  • भारतीय कला एवं संस्कृति
  • शताब्दी : खेलों की
  • अल बिरूनी : भारत विरोध या अल्पज्ञान

खंड : चार
असाधारण व्यक्ति : विदेशी

  • विश्‍व के असाधारण व्यक्ति

खंड : पाँच
भारतीय महापुरुष

  • सहस्राब्दी की विभूतियाँ : भारतीय

अनुक्रमणिका

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