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Manushya kee aankhein <br>मनुष्य की आँखें

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Language: Hindi
Book Dimension: 5.5″x8.5″

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Author(s) — Om Prakash Gasso
लेखक — ओम प्रकाश गासो

| ANUUGYA BOOKS | HINDI| 104 Pages | 2021 |

SKU: 978-93-90973-86-6-1-1-1
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Description

…पुस्तक के बारे में…

यह उपन्यास कथात्मक वृत्तों में घूमता हुआ मानवीय मूल्यों, नैतिक और अनैतिक हथकण्डों के बीच झूलती अन्यमनस्क व्यवस्थाओं के दुश्‍चक्रों को खोलता है। उनकी भीतरी तहों में ऐसे घूम आता है जैसे उनकी तपिश से झुलसा राहत भरी राहों को तलाश रहा हो। यह कथा जीवन की उलझी हुई राहों के बीच से आई है। यह उपन्यास झुलसे हुए साम्प्रदायिक और विद्रूप जातीय चेहरों के षड्यन्त्रों की दुरभिसन्धियों को उपस्थित करता है। बीबी मोहन, फत्तो और सुगड़ो इस खेल में जत्थेबंदियों को लामबन्द करती हैं तथा राजनीतिक शक्तियों की वीभत्स ताकत बनती है।
उपन्यास के घटना प्रसंगों के केन्द्र में दो परिवार हैं– पण्डित जानकीदास और किरपाल सिंह मलेशिया। जानकीदास का लड़का कान्त आकर्षक और भावुक कलाकार है लेकिन वह दृढ़ता नहीं दिखा पाता। दूसरी ओर किरपाल सिंह मलेशिया की लड़की स्वर्ण (शन्नो) मानवीय प्रेम के उदात्त रूपों के चित्र प्रस्तुत करती है। समाज की स्त्री-विरोधी जड़ परम्पराओं को छोड़कर वह कान्त को अपनाना चाहती है। उसके मन में इस उपन्यास के एक और महत्त्वपूर्ण पात्र चरण के प्रति भी एक मोह है। उसके प्राणों को सुरक्षा देने में चरण की अहम् भूमिका रही। पिता की मृत्यु के बाद माँ के साथ खपरैल के जीर्ण-शीर्ण घर में अपने सहपाठी मित्र कान्त को शरण दी और वह किस प्रकार फेरी लगाकर छोटी-मोटी चीजें बेच-बाचकर रोटी का जुगाड़ करता है और माँ का पेट पालता है – यह दारुण वृत्तान्त दार्शनिकता के साथ उपन्यास में मौजूद है।

– ओम प्रकाश करुणेश

…लेखक के बारे में…

ओम प्रकाश गासो

ओम प्रकाश गासो — जन्म : 9 अप्रैल, 1933, बरनाला (पंजाब), माता : श्रीमती उत्तमी देवी, पिता : मा. गोपाल दास l शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), एम.ए. (पंजाबी), एम.फिल. (पंजाबी), हिन्दी-रत्न, ज्ञानी, विद्वान, सी.पी.एड. l व्यवसाय : 37 वर्ष सरकारी स्कूल शिक्षक, 7 वर्ष कॉलेज शिक्षक l हिन्दी में रचनाएँ : 5 काव्य-संग्रह, 3 उपन्यास l पंजाबी में रचनाएँ : 28 उपन्यास, 13 गद्य पुस्तकें, 5 पुस्तकें पंजाबी सभ्याचार पर, 2 आत्मकथाएँ, 1 जीवनी, 3 बाल-साहित्य, 1 कविता, 6 पुस्तकें अनुवाद (हिन्दी से), 2 पुस्तकें आलोचना। 2 दर्जन से अधिक आलोचनात्मक निबन्ध l गासो के रचना-कर्म पर : विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएच.डी./एम.फिल., 3 आलोचनात्मक/अभिनन्दन ग्रन्थ l विशेष आंदोलन : हिन्दू-सिख-मुसलमान एकता की बुनियाद पंजाबी सभ्याचार के बट-वृक्ष, मित्र-मण्डल प्रकाशन द्वारा साहित्य के हजारों पाठक बनाए, हजारों वृक्षों का रोपण, पालन-पोषण, दर्जनों रचनाकार प्रेरणा पाकर सुविख्यात बने l आकाशवाणी-दूरदर्शन व अन्य मंचों से पिछले 6 दशकों से जनता के साथ जीवन्त संवाद l पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला द्वारा इनकी 3 पुस्तकें प्रकाशित, 1 उपन्यास का अँग्रेजी में अनुवाद, 2 उपन्यासों पर गुरशरण सिंह द्वारा लोकप्रिय नाटक, 1 उपन्यास पर दूरदर्शन द्वारा सुपरहिट सीरियल l पुरस्कार : भाषा विभाग, पंजाब द्वारा ‘पंजाबी साहित्य–रत्न’ पुरस्कार 2015 (दस लाख रुपये); ‘शिरोमणि पंजाबी साहित्यकार’, उत्तर प्रदेश, हिन्दी संस्थान द्वारा ‘राष्ट्रीय सौहार्द्र पुरस्कार’ समेत दर्जनों प्रतिष्ठित पुरस्कार, लगभग 100 साहित्यिक, शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा सम्मान।

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