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Katha-Ek Yatra (कथा-एक यात्रा)

कथाकार की रचना दृष्टि और समाज से उसके रिश्ते मिलकर कथा की भूमि का निर्माण करते हैं .इन्हीं रिश्तों के तहत कथाकार अपनी प्राथमिकताएँ तय करता है। अपने समय में सामाजिक न्याय के लिये होने वाले संघर्षों के प्रति कथाकार का नजरिया उसकी सहभागिता, सामाजिक न्याय के प्रति उसकी समझ, […]

2023-06-04T13:15:05+05:30April 1st, 2020|Criticism / आलोचना|
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