लेखक के बारे में
विनोद कुमार
पत्रकार की परिधि लांघ कर अक्सर सोशल एक्टिविस्ट हो जाने वाले विनोद कुमार का समाज और जनसंघर्षों से गहरा लगाव रहा है। जेपी के नेतृत्व में हुए छात्र आंदोलन से आपने विषम भारतीय समाज की सच्चाइयों को समझा और सामाजिक बदलाव के सपने को मूर्त रूप देने के लिए झारखंड के आदिवासी इलाके को अपना ठिकाना बनाया। इसके बाद प्रिंट मीडिया में चले आए और ‘प्रभात खबर’ के साथ जुड़कर जनपक्षीय पत्रकारिता का अर्थ ढूँढऩे लगे। यहाँ भी अखबार प्रबंधन के साथ मुठभेड़ें हुई और अंतत: पत्रकारिता छोड़ दी। संघर्ष के इस दौर में देश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लिखा। देशज सवालों पर रांची से प्रकाशित ‘देशज स्वर’ मासिक पत्रिका के संपादक भी रहे जिसके आदिवासी-देशज विषयक अंक खासे चर्चे में रहे। बहरहाल, पत्रकारिता में रिपोर्टिंग और मीडिया के दोहरेपन से संघर्ष की लंबी पारी खेलने के बाद अब उपन्यास लिख रहे हैं। झारखंड आंदोलन पर ‘समर शेष है’ और ‘मिशन झारखंड’ उनके दो चर्चित उपन्यास हैं। मौजूदा झारखंड और आदिवासी नेतृत्व व सवालों पर हिंदी में उनकी ये दोनों औपन्यासिक कृतियाँ उल्लेखनीय सृजनात्मक दस्तावेज हैं। इसके अतिरिक्त वे छिटपुट कहानियाँ भी लिखते रहे हैं और बार-बार आदिवासी गाँवों की ओर लौटते रहे हैं। संपर्क–मो. 09162881515 e-mail : vinodkr.ranchi@gmail.com
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Jharkhand, Paperback
Vikas ki Avdharnaविकास की अवधारणा
Author(s) — Vinod Kumar ‘Ranchi’
लेखक — विनोद कुमार ‘रांची’
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 168 Pages | PAPER BOUND | 2016 |
| 5.5 x 8.5 Inches | 350 grams |… -
Fiction, Hard Bound, Jharkhand, Novel, Panchayat / Village Milieu / Gramin, Paperback, Top Selling, Tribal Literature / Aadivasi
Red Zone (A novel based on the background of Tribal & Naxalism) / रेड जोन (आदिवासी एवं नकस्लवाद की पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास)
Author(s) — Vinod Kumar ‘Ranchi’
लेखक — विनोद कुमार ‘रांची’
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 400 Pages |
| avilable in HARD BOUND & PAPER BACK | 2015 |
| 5.5 x 8.5…Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View -
Art and Culture / Kala avam Sanskriti, Hard Bound, Jharkhand, Panchayat / Village Milieu / Gramin, Paperback, Top Selling, Tribal Literature / Aadivasi
Jharkhand ke Aadivasiyon ka Sankshipt Itihas झारखंड के आदिवासियों का सक्षिप्त इतिहास
Author(s) — Vinod Kumar
लेखक — विनोद कुमार
| ANUUGYA BOOKS | HINDI| 175 Pages | 2019 |
| 5.5 x 8.5 Inches |Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View