रजनी रजक
1 अक्टूबर, 1985 को उत्तर 24 परगना जिला के श्यामनगर (पश्चिम बंगाल) में जन्मी रजनी रजक ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी) और वर्धमान विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि अर्जित की हैं। कुछ प्रमुख पत्रिकाओं में स्त्री विमर्श व अन्य विषय पर आलेख प्रकाशित हुए हैं। अध्ययन में विशेष रूचि रखती हैं। हिन्दी के अतिरिक्त बंगला साहित्य में भी अभिरूचि है।
सम्प्रति – rajak.rajani@gmail.com
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Criticism Aalochana / आलोचना, Hard Bound / सजिल्द
Vaishvikaran aur Hindi-Bangla Lekhikaon ka Katha Sahitya / वैश्वीकरण और हिन्दी-बंगला लेखिकाओं का कथा साहित्य (1990-अद्यतन)
पुस्तक के बारे में
जब तक शोषित हैं, तब तक उनके प्रतिरोध के स्वर उठते रहेंगे और सुने जायेंगे। अवधारणा, चिंतन और विमर्श बदलते जायेंगे पर समाज में अन्याय…
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