मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद (31 जुलाई 1880–8 अक्तूबर 1936) का जन्म वाराणसी से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। उनका असली नाम धनपत राय था। उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फ़ारसी पढ़ने से हुआ और रोज़गार का पढ़ाने से। 1898 में मैट्रिक की परीक्षा के पास करने के बाद वह एक स्थानिक पाठशाला में अध्यापक नियुक्त हो गए। 1910 में वह इंटर और 1919 में बी.ए. के पास करने के बाद स्कूलों के डिप्टी सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए। उनकी प्रसिद्ध हिंदी रचनायें हैं – उपन्यास : सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, गबन, गोदान; कहानी संग्रह : मानसरोवर (आठ भाग), नमक का दरोग़ा, प्रेम पचीसी, सोज़े वतन, प्रेम तीर्थ, पाँच फूल, सप्त सुमन; नाटक : कर्बला; बालसाहित्य : कुत्ते की कहानी, जंगल की कहानियाँ आदि।
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Classics / क्लासिक्स, Fiction / कपोल -कल्पित, Novel / उपन्यास, Paperback / पेपरबैक, Top Selling
Godaan (Complete) / गोदान (सम्पूर्ण प्रामाणिक पाठ)
‘तू जो बात नहीं समझती, उसमें टाँग क्यों अड़ाती है भाई! मेरी लाठी दे दे और अपना काम देख। यह इसी मिलते-जुलते रहने का परसाद है कि अब तक जान…
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