मिख़अईल शोलअख़फ़ (जन्म 1904) — विश्व-विख्यात सोवियत लेखक लेनिन तथा नोबेल पुरस्कार विजेता। इनके उपन्यासों ‘धीरे बहे दोन रे’ और ‘कुँवारी धरती ने अंगड़ाई ली’ पर विश्व-संस्कृति उचित रूप से गर्व कर सकती है। ‘इनसान का नसीबा’ 1957 में लिखी गयी थी। इस उपन्यासिका पर आधारित सोवियत फ़िल्म को न्यायोचित रूप से उच्चतम अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था। हालाँकि प्रख्यात रूसी उपन्यासकार शोलअख़फ़ की ख्याति उनके महाकाव्यात्मक उपन्यास ‘धीरे बहे दोन रे’ पर आधारित है, लेकिन उन्होंने कुछ ऐसी अपेक्षाकृत छोटे कलेवर की कथा-कृतियाँ भी रची हैं जो रूसी गृह युद्ध के अलावा दूसरी उथल-पुथल का चित्रण करती हैं। ‘इनसान का नसीबा’ ऐसा ही लघु उपन्यास है जो युद्ध की विभीषिका का और उस विभीषिका के बीच मनुष्य की जिजीविषा और सामान्य जनों की मानवीयता का अप्रतिम चित्रण करता है। इस उपन्यास का केन्द्रीय पात्र एक ड्राइवर है जो दूसरे महायुद्ध के दौरान अपनी पत्नी और बच्चों को गँवा बैठता है। न सिर्फ़ यह बल्कि वह जर्मनों के हाथ पड़ कर तरह-तरह की यातनाओं से भी गुज़रता है। इसके बावजूद जीवन और उसकी गरिमा में उसकी आस्था कम नहीं होती। वह युद्ध में अपने माता-पिता गँवा बैठने वाले एक अनाथ बालक को एक तरह से गोद ले लेता है और पालने लगता है। युद्ध की विभीषिका के शिकार दो अभागे इस प्रकार साथ आ मिलते हैं और एक-दूसरे के जीवन के अभाव के पूरक बन जाते हैं। शोलअख़फ़ ने अपनी सहज-सरल शैली में इस ड्राइवर और उस अनाथ बालक की कहानी कही है जो शैली कि रूसी कथाकारों की उस महान परम्परा का प्रतिनिधित्व करती है, जो पुश्किन और लेर्मोन्तोव से शुरू होकर तॉल्सतॉय और दोस्तोयेव्स्की से होती हुई शोलअख़फ़ तक आयी है।
-
-1%Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewFiction / कपोल -कल्पित, Forthcoming Books / आगामी, Novel / उपन्यास, Paperback / पेपरबैक, Russian Classics / Raduga / Pragati / उत्कृष्ट रूसी साहित्य, Top Selling, Translation (from English or Foreign) / अंग्रेजी अथवा अन्य विदेशी भाषाओं से अनुदित
Insan ka Nasiba (The Fate of A Man) / इनसान का नसीबा – हिंदी उपन्यास
Original price was: ₹99.00.₹98.00Current price is: ₹98.00.