जनार्दन
जनार्दन : मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के आदिवासी गोंड समुदाय में जन्म।
शिक्षा : B.SC, M.SC, M.A., PGEMFP, MSW एवं सिनेमा पर हैदराबाद केन्द्रीय वि.वि.से M.Phil., Ph.D.
लेखन : आदिवासी साहित्य, सिनेमा-संस्कृति, दलित एवं स्त्री साहित्य में रुचि और लेखन। अंग्रेजी और मराठी से हिन्दी में अनुवाद। आदिवासी सत्ता, इंडिया न्यूज, दलित अस्मिता, पूर्वग्रह, इस्पातिका मीडिया विमर्श, बहुवचन,हंस, परिकथा, नवनीत, और युद्धरत आम आदमी जैसी पत्रिकाओं में कविताएं लेख एवं कहानियां प्रकाशित। बहुजन डायवर्सिटी मिशन इयर बुक का सह-संपादन और मीडिया विमर्श के सिनेमा अंक-दो का सहायक संपादन। आदिवासी साहित्य, संस्कृति एवं भाषा पर दो किताबें प्रकाशित। समकालीन जनमत वेब और फारवर्ड प्रेस के लिए नियमित लेखन।
सम्प्रति : सहायक प्राध्यापक हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज उत्तर प्रदेश-211002
ई-मेल : jnrdngnd@gmail.com / janardan@ allduniv.ac.in
मो.नं. : 9969054221
- Fiction, Hard Bound, Novel, Panchayat / Village Milieu / Gramin, Paperback, Tribal Literature / Aadivasi, Women Discourse / Stri Vimarsh
Pahad Gatha — Gondwana ki Sangharsh Gatha (Novel based on the Koya tribes of Gondwana) / पहाड़-गाथा (गोंडवाना की संघर्षगाथा)
₹400.00 – ₹699.00गोंड खुद को कोयतुर अर्थात कोख से पैदा हुआ कहते हैं। उनका मानना है कि दुनिया स्त्री की कोख से ही कायम है। इस आदिवासी समुदाय के अनुसार मानव-सभ्यता के…
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