हरियश राय
उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में प्रारम्भिक शिक्षा, 1971 के बाद की शिक्षा दिल्ली से।
शुरुआती दौर में व्यंग्य लेखन से थोड़ा बहुत नाता।
दो उपन्यासों ‘नागफनी के जंगल में’ और ‘मुट्ठी में बादल’ के अलावा छ: कहानी संकलन ‘बर्फ होती नदी’, ‘उधर भी सहरा’, ‘अंतिम पड़ाव’, ‘वजूद के लिए’, ‘सुबह- सवेरे’ व ‘किस मुकाम तक’ प्रकाशित।
इसके साथ ही सामयिक विषयों से संबंधित चार अन्य किताबें ‘भारत-विभाजन और हिंदी उपन्यास’, ‘सूचना तकनीक, बाज़ार एवं बैंकिंग’, ‘समय के सरोकार’, ‘शिक्षा,भाषा और औपनिवेशिक दासता’ प्रकाशित।
उद्भावना पत्रिका के भीष्म साहनी अंक का
संपादन।
लगभग 32 वर्ष तक बैंक में कार्य करने के उपरांत
उप-महाप्रबंधक के पद से सेवा मुक्त।
अब दिल्ली में निवास।
संपर्क : 73, मनोचा एपार्टमैंट, एफ-ब्लाक, विकास-पुरी, नई दिल्ली–110018
ई-मेल : hariyashrai@gmail.com
मो. : 09873225505
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History / Political Science / Constitution / Movement / इतिहास / राजनीति विज्ञान / संविधान / आन्दोलन, Non Fiction / कथेतर, Paperback / पेपरबैक, Policing / पुलिसिंग, Sampradayikta / Sociology / सांप्रदायिकता / समाजशास्त्र (Communalism), Top Selling, Translation (from English or Foreign) / अंग्रेजी अथवा अन्य विदेशी भाषाओं से अनुदित
पुलिसिंग में कोई बंदिश नहीं (No Ten Commandments) by ST Hollins, IP, CIE formerly Inspector General of Police United Province
एक प्रसिद्ध घुड़सवार पुलिस के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि ‘वे हमेशा अपने आदमी को पकड़ लेते हैं’, जिन लोगों ने भारतीय पुलिस को कार्य करते हुए…
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Criticism Aalochana / आलोचना, Discourse / Vimarsh / विमर्श, Hard Bound / सजिल्द
Katha – Ek Yatra / कथा – एक यात्रा
कथाकार की रचना दृष्टि और समाज से उसके रिश्ते मिलकर कथा की भूमि का निर्माण करते हैं .इन्हीं रिश्तों के तहत कथाकार अपनी प्राथमिकताएँ तय करता है। अपने समय में…
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