डॉ. डी. एन. प्रसाद
बिहार की वैभवशाली परम्परा से उद्बुद्ध सारण्यक तथा दुनिया के पहले गणतन्त्र वैशाली की परिवेशित परम्परा से उच्च शिक्षा प्राप्त; काशी की पांडित्य-परम्परा में शामिल होकर जैन तीर्थ, बौद्ध तीर्थ तथा गाँधी तीर्थ की परिघटना से परिव्यात डॉ. धूपनाथ प्रसाद की छवि एक साम्ययोग की तरह है। शिक्षण की शुरुआत ऋषि गौतम की तपोभूमि से प्रारम्भ कर सर्व विद्या की राजधानी काशी में परिगणित हुए, तदुपरान्त बौद्ध काबा लेह, लद्दाख की नीरव शान्ति से परीक्षित भी! कभी सपने में आयी थी महाराष्ट्र के पूना में शान्ति विश्वविद्यालय की परिकल्पना!
जहाँ भारत छोड़ो आन्दोलन का ब्लूप्रिंट तैयार हुआ और राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार का पताका लहराया, गाँधी की उसी प्रयोगभूमि वर्धा, महाराष्ट्र स्थित महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय में प्राध्यापकी! कविमना प्रसाद के लेखन की भाषा काव्यभाषा है। गद्य हो या पद्य भाषा की भाषिकी काव्यभाषा है।
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, नागरी प्रचारिणी सभा, भारतीय गाँधी अध्ययन समिति के आजीवन सदस्य, डॉ. प्रसाद धर्मवीर भारती सृजन पीठ के अध्यक्ष तथा सेंटर फॉर अप्लायड गाँधीयन थॉट के मानद् निदेशक के साथ भारतीय दर्शन परिषद् के सदस्य भी हैं। वैविध्यपूर्ण लेखन के साथ आलोचना की रचना इन्हें प्रिय है।
संपर्क : 9420063304; dnpsayal@yahoo.co.in
- Criticism / Aalochana, Gandhian Discourse / Gandhian Literature, New Releases, Paperback, Philosophy / Darshan Shastra
Mahatma Gandhi ki Darshnik Anubhuti
महात्मा गाँधी की दार्शनिक अनुभूति₹250.00Author(s) — D.N. Prasad
लेखक — डी.एन. प्रसाद| ANUUGYA BOOKS | HINDI | Total 188 Pages | 2022 | 6 x 9 inches |
| Will also be available in HARD BOUND |
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View

