







Swadheenta Andolan aur Sahitya / स्वाधीनता आन्दोलन और साहित्य
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अनुक्रम
भारति, जय, विजय करे! –कुमार दिनेश प्रियमन 9
कलम आज उनकी जय बोल… –श्यामबाबू शर्मा 12
1. भारतीय नव-जागरण एवं विविध वैचारिक आन्दोलन –प्रो. सुरेश आचार्य 17
2. स्वाधीनता संग्राम में संस्कृत की भूमिका –राधावल्लभ त्रिपाठी 28
3. स्वाधीनता आन्दोलन और भारतीय पत्रकारिता –विजयदत्त श्रीधर 38
4. आज़ादी और आदिवासी –हरिराम मीणा 48
5. क्रान्तिकारियों की कलम ने भी लड़ी आजादी की लड़ाई –सुधीर विद्यार्थी 62
6. स्वतन्त्रता : अवधारणा और वैचारिकी –प्रो. सेवाराम त्रिपाठी 81
7. जनगण तेरी जय हो… –अली एम सैयद 89
8. भारतीयता का दर्शन –लक्ष्मी पाण्डेय 94
9. बोल छन्दों में हिन्दुस्तान –रामकुमार कृषक 99
10. गाँधी चेतना का लोक विस्तार –वसन्त निरगुणे 105
11. स्वतन्त्रता आन्दोलन में पंजाबी की भावाभिव्यक्ति –पाण्डेय शशिभूषण ‘शीतांशु’ 114
12. स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है… –डॉ. रामप्रकाश 118
(स्वराज्य और मराठी साहित्य)
13. राष्ट्रीयता के प्रखर स्वर –प्रो. प्रतापराव कदम 128
14. राष्ट्रीय चेतना के परिप्रेक्ष्य में सिन्धी साहित्य –डॉ. सुरेशकुमार केसवानी 134
15. बीसवीं सदी का पूर्वार्द्ध और अवधी कविता –डॉ. सन्तलाल 147
16. गुजराती साहित्य में स्वाधीनता की अनुगूँज –डॉ. अभय दोशी 155
17. कश्मीरियत और आज़ादी का उत्सर्ग –काजल सूरी 161
18. वन्देमातरम्…..वन्देमातरम्! (बाँग्ला कलम की भूमिका) –डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी 167
19. स्वतन्त्रता आन्दोलन और असमिया साहित्य –डॉ. अनिन्द्य गंगोपाध्याय 178
20. पूर्वोत्तर के हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय तत्त्व विशेष सन्दर्भ मणिपुरी साहित्य –डॉ. कंचन शर्मा 184
21. स्वतन्त्रता के महायज्ञ में उडि़या साहित्य –डॉ. सौम्येंद्र कुमार पांडा 189
22. संताली लोक साहित्य में स्वाधीनता का राग –महेन्द्र बेसरा ‘बेपारी’ 194
23. स्वतन्त्रता संग्राम तथा कन्नड़ साहित्य –प्रो. धरणेंद्र कुरकुरी 202
24. स्वतन्त्रता संघर्ष और मलयालम साहित्य –प्रो. जय कृष्णन 208
25. तेलुगु साहित्य में स्वाधीनता आन्दोलन –प्रो. आर.एस. सर्राजु 214
26. ‘नेनू ना देशम’ (मैं और मेरा देश) –प्रो. शेख मोहम्मद इकबाल 217
27. स्वतन्त्रता संग्राम में तमिल साहित्य एवं साहित्यकार –डॉ. पी. राजरत्नम 220
28. आज़ादी के जब्त तराने –डॉ. हरेराम पाठक 225
29. प्रवासी साहित्य में आजादी का संकल्प –डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ 231
30. स्वतन्त्रता पूर्व भारतीय सिनेमा –प्रो. हूबनाथ 236
31. राष्ट्रीय जनजागरण और हिन्दी नाटक –डॉ. सतीश पावड़े 248
32. राष्ट्रीय चेतना से अनुप्राणित उपन्यास साहित्य –प्रो. योगेन्द्रनाथ शुक्ल 256
33. स्वतन्त्रता आन्दोलन में हिन्दी काव्य की भूमिका –डॉ. रश्मि दीक्षित 261
34. कथा साहित्य में स्वाधीनता बोध –डॉ. श्रीपर्णा तरफदार 268
35. सांस्कृतिक अस्मिता और हिन्दी निबन्ध –दिव्या प्रसाद 274
36. प्रिय स्वतन्त्र रव…भारत में भर दे! –डॉ. सरलता 281
37. सारे जहाँ से अच्छा… –श्यामबाबू शर्मा 286
साहित्यकारों के संक्षिप्त परिचय 292
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डॉ श्यामबाबू शर्मा
रायबरेली के बैसवारा क्षेत्र में गढ़ी मुरारमऊ रियासत के साधारण परिवार में पिता श्री बच्चालाल व माँ श्रीमती रामदुलारी के यहाँ जन्म। शिक्षा : प्राथमिक शिक्षा गाँव के प्राइमरी स्कूल से। एम.ए. (हिंदी) प्रथम श्रेणी-प्रथम स्थान, एम.फिल, पीएच.डी., स्लेट (यू.जी.सी.), अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। प्रकाशन : 1.भूमंडलीकरण और समकालीन हिन्दी कविता 2. रघुवीर सहाय और उनका काव्य 3. नयी शती और हिन्दी कविता 4. दलित हिन्दी कविता का वैचारिक पक्ष 5. वैश्वीकरण के आयाम 6. पूर्वोत्तर की लोक-संस्कृति 7. ‘मुर्दों से डर नहीं लगता’(लघु कथा संग्रह) 8. राजभाषा एवं अनुप्रयोग 9. अभिव्यक्ति के नए प्रतिमान सहित 14 पुस्तकें। भाषा, वसुधा, पहल, अक्षरा, वीणा सहित अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में सत्तर से अधिक आलेख-समीक्षाएं व अनेक लघु कथाएँ-कविताएँ निरंतर प्रकाशित। विशेष : गुरुघासीदास सेवादार संघ बिलासपुर की कैडर पाठ्य पुस्तक में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कहानी समाविष्ट। हंस में प्रकाशित कई कहानियों का आडियो रूपांतरण। प्रसार भारती मेघालय से चील्हा अजिया कहानी का नाट्य रूप प्रसारित। अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सत्र अध्यक्षता-पत्र प्रस्तुति एवं राजभाषा कार्यशालाओं में आमंत्रित व्याख्यान। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से भूमंडलीकरण, लोक संस्कृति एवं राजभाषा पर कई साक्षात्कार एवं परिचर्चायें प्रसारित। सम्मान : राष्ट्रभाषा भूषण सम्मान। संप्रति : राजभाषा सेवी (भारत सरकार) व एकेडमिक काउंसलर (स्नातकोत्तर हिन्दी एवं अनुवाद डिप्लोमा), इग्नू, क्षेत्रीय केंद्र शिलांग (मेघालय)। संपर्क : 85/1 अंजलि कॉम्प्लेक्स अधिकारी आवास, शिलांग-793001 (मेघालय)। मोबाइल : 9863531572 ई-मेल : lekhakshyam@gmail.com
साहित्यकारों के संक्षिप्त परिचय
प्रो. सुरेश आचार्य
डी. लिट्.जन्म-2 अगस्त 1947, पंचमढ़ी मध्य प्रदेश। प्रकाशित ग्रन्थ-व्यंग्य का समाज-दर्शन, निराला की सामाजिक चेतना, पूँछ हिलाने की संस्कृति, इधर भी हैं उधर भी हैं, पोजीशन सॉलिड है, गठरी में लागे चोर, आधुनिक हिन्दी गद्य। सम्पादन– हमारी समस्यायें, कुछ यादें, भारतीय काव्य-शास्त्र के अधुनातन आचार्य– भगीरथ मिश्र, मुस्लिम भक्त कवियों का सांस्कृतिक समन्वय, बीसवीं शताब्दी की खड़ी बोली हिन्दी। सम्मान–भारतवर्षीय आर्य विद्या परिषद अजमेर राजस्थान से ‘विद्या रत्न’, बुन्देली लोक-साहित्य सम्मान, परिधि सम्मान तथा सरस साहित्य सम्मान सहित अन्य अनेक साहित्य परिषदों, युवा प्रगति मंचों, संस्थाओं द्वारा सम्मानित। सम्प्रति– चेयर पर्सन गौर स्टडी सेंटर एवं गौर स्मारक डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर।
प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी
जन्म 15 फरवरी 1949 राजगढ़ (म. प्र.)। शिक्षा– डी लिट्। संस्कृत साहित्य को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान और हिन्दी के प्रखर कवि, लेखक, आलोचक, कथाकार तथा अनुवादक हैं। संस्कृत साहित्य का समग्र इतिहास, संक्षिप्त नाट्यशास्त्रम् सहित आपके 170 ग्रन्थ प्रकाशित हैं। सुविख्यात कविता-संग्रह संधानम् के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ पंडितराज सम्मान सहित आपको अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किया गया है।
विजयदत्त श्रीधर
जन्म 10 अक्टूबर 1948 नरसिंहपुर मध्य प्रदेश। भारतीय पत्रकारिता कोश आपकी महत्त्वपूर्ण कृति है जिसमें सन् 1780 से सन् 1947 तक की भारत की सभी भाषाओं और तत्कालीन भारत के भूगोल का शोधपरक इतिहास विवेचित है। इसके साथ-साथ माधवराव सप्रे रचना संचयन, समकालीन हिन्दी पत्रकारिता, एक भारतीय आत्मा तथा खबर पालिका पड़ाव दर पड़ाव उल्लेखनीय कृतियाँ हैं। सम्मान– पद्म श्री सम्मान, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार सहित आपको अनेक सम्मानों से विभूषित किया गया है। सम्प्रति– संस्थापक माधवराव सप्रे स्मृति पत्रकारिता संग्रहालय एवं शोध संस्थान।
हरिराम मीणा
जन्म : 1 मई 1952। ग्राम बामनवास, सवाईमाधोपुर (राजस्थान)। शिक्षा– राजनीतिशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री। भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त। अब तक तीन कविता-संग्रह, एक प्रबन्ध-काव्य, तीन यात्रा-वृत्तांत, दो उपन्यास एवं आदिवासी विमर्श की दो पुस्तकें और संस्मरण की एक पुस्तक प्रकाशित। इनकी पुस्तकें दिल्ली विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में समाहित तथा इनके साहित्य पर शोध कार्य हो रहा है। अखिल भारतीय आदिवासी साहित्य मंच के अध्यक्ष तथा विजिटिंग प्रोफेसर। सम्मान– वन्यजीव संरक्षण के लिए पद्मश्री सांखला अवार्ड। राजस्थान साहित्य अकादमी, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान सहित अनेक संस्थानों से सम्मानित।
सुधीर विद्यार्थी
जन्म : 1 अक्टूबर 1953। शिक्षा : एम. ए. इतिहास। पैतृक घर शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश। भारतीय क्रान्तिकारी आन्दोलन और उससे जुड़े लोगों पर दो दर्जन से अधिक कृतियाँ। जनपदीय इतिहास और संस्कृति से जुड़ी ‘पहचान बीसलपुर’, ‘मेरे हिस्से का शहर’, ‘शहर के भीतर शहर’, ‘फतेहगढ़ डायरी’ तथा ‘बरेली : एक कोलाज’ कवितायें, संस्मरण, डायरी और स्तंभ लेखन भी। नाटकों और नुक्कड़ नाटकों के संयोजन के साथ ही साहित्यिक पत्रिका ‘संदर्श’ का सम्पादन और प्रकाशन। शहीदों और क्रान्तिकारियों की स्मृतिरक्षा के लिए देश भर में कार्य। अनेक व्याख्यान। लेखन के लिए ‘परिवेश सम्मान’, ‘गणमित्र सम्मान’, ‘अयोध्याप्रसाद खत्री सम्मान’ और स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना सम्मान’ के साथ ही सृजनात्मक गद्य के लिए ‘शमशेर सम्मान’। इन दिनों स्वतन्त्र-लेखन और संस्कृति कर्म।
प्रो. सेवाराम त्रिपाठी
जमुनिहाई, जिला सतना (म.प्र.) में 22 जुलाई 1951 में जन्म। वर्ष 1972 से मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग में शिक्षण कार्य तथा वर्ष 2016 में सेवानिवृत्त। मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल में संचालक पद का दायित्व। प्रमुख रचनायें– ‘अन्धेरे के खिलाफ’, ‘खुशबू बाँटती हवा’, ‘मुक्तिबोध सर्जक और विचारक’, ‘बघेली; ‘अन्तरंग और बहिरंग’, ‘हर समय एक सपना जागता है’, ‘समय के सुलगते सरोकार’ आदि। सम्पादन– ‘प्रगतिशील वसुधा’, ‘रचना’, ‘कमला प्रसाद : व्यक्ति और सर्जक’, ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन’, ‘समकालीन कहानियाँ’, ‘अजनबी नहीं फ़जल ताबिश’, ‘समकालीन कविता’, ‘युग साक्षी हरिशंकर परसाई’, ‘स्मरण में आज जीवन’। सम्मान– मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी पुरस्कार।
प्रो. अली एम. सैयद
अध्ययन की औपचारिकतायें, गृह नगर के स्कूलों, बुन्देलखंड विश्वविद्यालय और सागर विश्वविद्यालय (फिलहाल डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय) से पूरी करने के बाद 1 सितम्बर 1981 से उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश में शिक्षकीय जीवन प्रारम्भ किया और वर्तमान में शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में समाज विज्ञान के शिक्षक हैं। खेतिहर समाज, आदिम बसाहटें, लोक संस्कृतियाँ, मानवीय गरिमा और सामाजिक सरोकार, खास जुड़ाव के विषय हैं। लोक-साहित्य तथा किन्नर समुदाय की अतीत कालीन वैश्विक उपस्थिति पर चन्द किताबें हैं। आबादियों के विस्थापन, स्त्रियों के विरुद्ध यौन-दुर्व्यवहार जैसे विषयों पर कदाचित कुछ और किताबें जल्द ही प्रकाशित हो जायेंगी। कहना शेष ये है कि उपलब्धियाँ कुछ खास नहीं, पर सुकून ये कि, जैसे-जैसे अकादमिक समझ-बूझ बढ़ रही है, वैसे-वैसे आत्माभिमान का क्षय होता जा रहा है।
डॉ. लक्ष्मी पाण्डेय
डी लिट्., यूजीसी स्लेट। सदस्य हिन्दी सलाहकार समिति अ.का.मं. भारत सरकार। जन्म– धारना कलां सिवनी (म. प्र.)। प्रकाशित ग्रन्थ– अपरिभाषित, उसकी अधूरी डायरी, आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी, रस विमर्श, साहित्य विमर्श सहित 30 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। भाषा विज्ञान, भारतीय काव्यशास्त्र सम्बन्धी लगभग 10 पुस्तकें देश के विश्वविद्यालयों में सम्मिलित। साहित्य सरस्वती पत्रिका का सम्पादन। सम्मान– एक अन्तरराष्ट्रीय तथा एकाधिक राष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित। सम्प्रति– अध्यापन, हिन्दी विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर।
रामकुमार कृषक
1 अक्टूबर 1943 गुलड़िया, अमरोहा (मुरादाबाद) जनपद में जन्म। शिक्षा : एम. ए. (हिन्दी) और साहित्यरत्न। जसम की दिल्ली इकाई के संस्थापक सदस्य। राष्ट्रीय लघुपत्रिका समन्वय समिति की केन्द्रीय सदस्यता। प्रमुख कृतियाँ– ‘सुर्खियों के स्याह चेहरे’, ‘नीम की पत्तियाँ’, ‘फिर वही आकाश’, ‘आदमी के नाम पर मज़हब नहीं’, ‘मैं हूँ हिन्दुस्तान’, ‘लौट आयेंगी आँखें’, ‘अपजस अपने नाम’, ‘मुश्किलें कुछ और’ सभी कविता-संग्रह। कहानी-संग्रह– ‘नमक की डलियाँ’, ‘कहा उन्होंने’, ‘दास्ताने-दिले-नादाँ’, ‘कविता में बँटवारा’, ‘संस्मरण ये भी हैं’ आदि। शीघ्र प्रकाश्य– रामकुमार कृषक : रचना समग्र (पाँच खंड)। सम्मान– ‘प्रकाशवीर शास्त्री स्मृति पुरस्कार’, ‘हिन्दी अकादमी’, ‘सारस्वत सम्मान’, ‘इंडो-रशियन लिटरेरी क्लब’, ‘अदबी संगम’, ‘अमरोहा, नई धारा रचना सम्मान’, ‘कबीर सम्मान’।
वसन्त निरगुणे
जन्म– 1 अप्रैल 1941। महेश्वर पश्चिम निमाड़ (म.प्र.)। शिक्षा– एम. ए. संस्कृत क्लासिक्स। पूर्व सर्वेक्षण अधिकारी, म.प्र. आदिवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी, संस्कृति विभाग। लोक और आदिवासी संस्कृति, कला और साहित्य के अध्येता। ‘बिखरे रंग निमाड़ के’, ‘बैगा’, ‘भारिया’, ‘सहरिया’, ‘मध्यप्रदेश की विमुक्त जातियाँ-जनजातियाँ’, ‘गणगौर’, आदि चालीस से अधिक ग्रन्थ प्रकाशित। ‘गीत गंगा’, ‘कथावार्ता’, ‘चौमासा’ आदि अनेक पत्रिकाओं में सम्पादक एवं सह सम्पादक की भूमिका का निर्वाह किया। सम्मान– ‘गणगौर सम्मान’, ‘अहिल्या सम्मान’, ‘श्रेष्ठ कलाचार्य सम्मान’, ‘माहिष्मती सम्मान’, ‘राष्ट्रीय चित्रवन सम्मान’ इसी तरह भीली भाषा के सन्दर्भ में ‘साहित्य अकादमी भाषा सम्मान’ से इन्हें नवाजा गया।
पाण्डेय शशिभूषण ‘शीतांशु’
डी लिट्। जन्म 13 मई 1941। हिन्दी में वाद मुक्त आलोचना के शिखर-पुरुष तथा सुप्रतिष्ठित सैद्धान्तिक और सर्जनात्मक आलोचक। जितनी व्यापकता और गहनता में प्रतिमानों की दृष्टि से भारतीय एवं पाश्चात्य आलोचना सिद्धान्तों की शक्ति-सीमा पर मौलिक चिन्तन मनन किया, उतनी ही सूक्ष्मता और प्रातिभ अन्तर्दृष्टि से हिन्दी में पहली बार प्रसिद्ध साहित्य-पाठों की सार्थकता और साभिप्रायता का तलोन्मेषी उद्घाटन भी किया है। प्रकाशन– 40 पुस्तकें और 350 से अधिक शोधा-लेख। सम्मान– उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सर्वोच्च भारत भारती सम्मान सहित अनेक सम्मानों से सम्मानित। सम्प्रति– गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से अवकाश प्राप्त आचार्य।
डॉ. रामप्रकाश
15 अगस्त, 1954 में उत्तरप्रदेश, उन्नाव के रामपुर(खरही) गाँव में जन्म। कानपुर विश्वविद्यालय से बी. ए., बी. एड. तथा नागपुर विद्यापीठ से एम. ए., पी-एच.डी.। ‘नया खून’ के अकोला संस्करण का सम्पादन। प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त, तथापि अध्ययन-अध्यापन। साहित्यिक जीवन का आरम्भ कविता से। गीत-संग्रह, लोक-कथाएँ और कहानी साहित्य के साथ-साथ अनुवाद में महत्त्वपूर्ण लेखन। प्रमुख कृतियाँ– काव्य संग्रह– सूप भर रोशनी, लहरों के विरुद्ध, नयी सुबह सिरहाने पर, सड़क पर साँड़, और रुकूँ क्यों पथ कर चुकाने, हम उजाले जोड़ते हैं, अपनी मुट्ठी में अंबर भर गीत-संग्रह। लोक-कथाएँ, अनुवाद, आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित। सम्मान– महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, बैसवारा शोध संस्थान सहित अनेक अकादमियों से सम्मानित।
प्रो. प्रतापराव कदम
जन्म– 19 सितम्बर 1961। शिक्षा– एम. कॉम., पी-एच. डी.। श्री माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, खंडवा (म.प्र.) में प्राध्यापक। प्रकाशित कृतियाँ– कविता पुस्तिका–‘कपड़ों में कबूतर’, ‘एक तीली बची रहेगी’, ‘कहा उसने और हँसा’, ‘बीज की चुप्पी’ (कविता-संग्रह)। ‘यह बाजार काल’ (गद्य-संग्रह)। कवि मुनि क्षमा सागर और नेपाल मूल की कवयित्री सीतारानी देवी की कविताओं का चयन व सम्पादन– ‘चिड़िया लौट आयी है’ और ‘चींटी के पग नैऊर बाजे’। कविताओं का अन्य भाषाओं में लिप्यंतरण। ‘उसकी आँखों में कुछ (कविता संग्रह)। ‘कलम कैमरे की आँख की तरह’ (आलोचना)। सम्मान– शरद जोशी पुरस्कार, वागीश्वरी पुरस्कार, शरद बिल्लौरे स्मृति सम्मान, अहिल्या सम्मान, बस्तर अंचल का जनकवि ठाकुर पूरणसिंह स्मृति सूत्र सम्मान, सुधाविन्दु सम्मान (गोरखपुर), सिंगाजी सम्मान।
प्रो. सुरेशकुमार केसवानी
शिक्षा– एम.ए., बी.एड., एम.फिल, पी-एच.डी.। 17 वर्षों तक महाविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्यापन कार्य। प्रकाशन– धर्मवीर भारती की साहित्य साधना, यूजीसी द्वारा स्वीकृत दो माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट, यूजीसी द्वारा अप्रूव्ड जर्नल्स में 37 शोध-पत्र प्रकाशित। सदस्य महाराष्ट्र हिन्दी परिषद, महाराष्ट्र, सदस्य राष्ट्रभाषा सेवी समाज, अकोला। सम्प्रति– सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर व विभागाध्यक्ष (हिन्दी विभाग) सीताबाई कला वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय अकोला।
डॉ. सन्तलाल
जन्म–1965। एम. ए. (हिन्दी) पी-एच. डी.। प्रकाशन– मारीशस हिन्दी और राजेन्द्र अरुण का रचनाकर्म, पत्र पत्रिकाओं में शोध-पत्रों तथा आलेख का प्रकाशन, विदेश-यात्रा मारीशस दो बार सम्मान– अवध श्री सहित अनेक सम्मान सम्प्रति– पूर्व प्राध्यापक (हिन्दी) फीरोज गाँधी कालेज रायबरेली, भाषा सलाहकार देवास्त्रा टेक्टिकल सलूसन्स प्रा.लि., ली मेरेडियन कामर्शियल टावर विन्डरसन प्लेस, नयी दिल्ली।
डॉ. अभय दोशी
गुजराती विषय में एम. ए., पी-एच. डी. की पदवी प्राप्त की है। सोलह साल तक पार्ला की मिठीबाई कॉलेज में अध्यापन कार्य किया है। पिछले बारह वर्षों से मुम्बई विद्यापीठ में गुजराती विभाग में अध्यापन। अभी वर्तमान में मुम्बई विद्यापीठ में अध्यापन कार्य के साथ अध्यक्ष पद पर भी कार्यरत हैं। प्रकाशन– अभी तक 7 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।
काजल सूरी
जन्म– 20 जून (जम्मू-कश्मीर)। शिक्षा– बी.एड, एम. एड, एम. एस. सी., होम साइंस, जम्मू विश्वविद्यालय, पी. जी. डिप्लोमा जर्नलिज्म,भारतीय विद्या भवन जम्मू, एम. ए. मास कम्युनिकेशन गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार। प्रकाशित पुस्तकें– रंगमंच, टेलीविज़न और आकाशवाणी के लिए हब्बा खातून नाटक, कविता संग्रह ख्वाबों की चाँदनी सहित अनेक रचनायें। पुरस्कार– अभिनय क्षमता के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार से 8 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार सहित तमाम सम्मान।
डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी
जन्म– 23.11.1975, बांकुड़ा, पश्चिम बंगाल। प्रकाशन– व्यंग्य सम्राट परसाई, नवगीत के सुप्रतिष्ठित हस्ताक्षर– मधुकर अष्ठाना, हरीलाल मिलन के साहित्य का मूल्यांकन, मानवीय बोथ की कलम आदि व अनेक सम्पादित पुस्तकें, शोधालेख-समीक्षाएँ प्रकाशित। सम्मान– कादम्बरी, जबलपुर से डॉ. जमालुद्दीन सम्मान, साहित्य वारिधि आदि अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 2012 व 2017 में शोध कार्य सम्पन्न।
डॉ. अनिन्द्य गंगोपाध्याय
जन्म– वर्धमान जिले के आसनसोल में 1972 में। शिक्षा– एम.ए., पी-एच.डी.। प्रकाशन– ‘अज्ञेय का कथा साहित्य : मृत्युबोध’ पर पुस्तक, लगभग 20 आलेख और समीक्षाएँ विविध राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। 2012 तक व्यूमेंस कॉलेज, कोलकाता में अध्यापन। सम्प्रति– वर्ष 2013 से प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में अध्यापन और 2019 से विभागाध्यक्ष।
डॉ. कंचन शर्मा
जन्म– 24 मई 1972। शिक्षा– एम. ए., पी-एच. डी.। प्रकाशन– रचना विमर्श के तीन अध्याय, साम्प्रदायिकता के बदलते चेहरे, विश्वम्भरनाथ उपाध्याय के उपन्यास, तालाब में कंकड़, विचार, पुनर्विचार और मूल्यांकन, भारतीय स्वाधीनता संघर्ष युग के हिन्दी साहित्य में स्त्री, कला विमर्श और चिन्तन सहित नौ पुस्तकें प्रकाशित। सम्मान– साहित्य शिरोमणि सम्मान, पंजाब कला साहित्य अकादमी का विशिष्ट साहित्य अकादमी सम्मान सहित ग्यारह सम्मानों से सम्मानित।
डॉ. सौम्येंद्र कुमार पांडा
एम. ए., पी-एच. डी.। आजीविका – अध्यापन। विषय –भूगोल। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पापुलेशन स्टडीज मुम्बई में अध्ययन। इंस्टीट्यूट ऑफ लैंडस्केप इकोलॉजी एंड एक्सिटिक्स कोलकाता में शोध-पत्र प्रकाशित। यादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता से थिमेटिक सर्वेइंग बाई रिमोट सेंसिंग, रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशनस इन एनवायरमेंटल साइंस, वाटर पाल्यूशन मैनेजमेंट एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग कोर्स के प्रमाण-पत्र प्राप्त। विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भागीदारी।
महेन्द्र बेसरा ‘बेपारी’
जन्म– बड़कियारी, पो– बड़कियारी, थाना– महेशपुर, जिला– पाकुड़, संताल परगना झारखंड। शिक्षा– एम.ए. (संताली) सिदो-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी, दुमका- 2013, नेट–2014। लेखन– हाई स्कूल से ही संताली कविता, कहानी और लेख लिखने में रुचि। मारसाल ताबोन, जिगा़स, मोलोक् चांदो, तोड़े सुता़म, नांवां इपिल, जुगसिरिजो़ल एवं हूल सो़म्दबाद पत्रिका में कविता, कहानी और लेख प्रकाशित। वर्तमान में गोटा भारत सिदो कान्हू हूल बैसी दुमका द्वारा प्रकाशित ‘हूल सो़म्बाद’ पत्रिका के सहायक सम्पादक।
प्रो. धरणेन्द्र कुरकुरी
जन्म–1-4-1942 मुगमुद, जिला धरवाड, कर्नाटक। पूर्व प्राध्यापक तथा विभागाध्यक्ष, एम. एम. कला विज्ञान महाविद्यालय। प्रकाशन– कन्नड़ साहित्य, कन्नड़-हिन्दी अनूदित कृतियों और कन्नड़-अँग्रेजी कृतियों सहित पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। सम्मान/पुरस्कार– महामहिम राष्ट्रपति पुरस्कार, बालकृष्ण साहित्य पुरस्कार व कदम्ब सेवा रत्न पुरस्कार सहित बीस से अधिक विशिष्ट सम्मान/पुरस्कार।
डॉ. जय कृष्णन
एम. फिल, पी-एच.डी.। मलयालम और हिन्दी में लिखते हैं। अनेक पुस्तकों सहित पत्र-पत्रिकाओं में कई लेख प्रकाशित। राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सौ से अधिक आलेख प्रस्तुति। सह-सम्पादक विकल्प पत्रिका केरल। पूर्व विभागाध्यक्ष, क्राइस्ट कालेज इरिंजाल कुडा केरल।
प्रो. आर. एस. सर्राजु
जन्म– 20 सितम्बर 1958। शिक्षा– एम.ए., पी-एच.डी.; हिन्दी के प्रोफेसर और सम कुलपति हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद तेलंगाना। बिहार सरकार की ओर से जार्जग्रियर्सन अवार्ड से सम्मानित। आठ पुस्तकें और 65 शोध आलेख प्रकाशित।
प्रो. शेख मोहम्मद इकबाल
जन्म– 19 मई 1947, गुंतकल अनंतपुर, आंध्र प्रदेश। शिक्षा– एम. ए. (हिन्दी) पी-एच. डी., भाषा विज्ञान में डिप्लोमा। प्रकाशन– स्वतन्त्रता पूर्व हिन्दी और तेलुगु कहानी और हिन्दी तथा द्रविड़ भाषाओं के समान रूपी भिन्नार्थी शब्द सहित अनेक पुस्तकें प्रकाशित। सम्मान– राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल से सम्मानित।
डॉ. पी. राजरत्नम
मातृभाषा– तमिल। जन्म– 20.05.1961। शिक्षा– एम.ए., एम.फिल., पी-एच.डी., पी.जी.डी.टी., जे.डी.सी। प्रकाशन– नौ किताबों का स्वतन्त्र लेखन, तीन पुस्तकें सह-लेखक के रूप में तथा देश की प्रतिष्ठित हिन्दी तथा पत्र-पत्रिकाओं में शोध आलेख प्रकाशित। सम्मान– एन.सी.सी. में बतौर कैप्टन, पाँच बार जिलाधिकारी से सम्मानित। राष्ट्रीय तौर पर सांस्कृतिक सम्मान। पन्द्रह राष्ट्रीय एवं आंचलिक सेमिनारों का संयोजन। शोधार्थियों का मार्गदर्शन– एम.फिल.(23) एवं पी-एच. डी.(4)। सरकारी तथा गैर सरकारी निकायों में हिन्दी सलाहकार एवं सक्रिय सदस्य के रूप में कार्यरत।
डॉ. हरेराम पाठक
जन्म– 10 जनवरी, 1960 सिवान (बिहार)। शिक्षा– एम. ए., पी-एच.डी.; डी.लिट्। प्रकाशित कृतियाँ– हिन्दी साहित्य का सुगम इतिहास, उत्तर आधुनिक साहित्य विमर्श, पूर्वोत्तरीय राज्यों में हिन्दी साहित्य लेखन का इतिहास, असमिया लोक साहित्य व आठ खंडों में ‘हिन्दी आलोचना अभिज्ञान कोश’ सहित 10 पुस्तकें प्रकाशित। अनेक सम्मान एवं पुरस्कारों से अलंकृत। सम्प्रति– पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डिगबोई महिला महाविद्यालय, डिगबोई, असम।
डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’
जन्म–07.02.1955। शिक्षा– एम.एस.सी (रसायन शास्त्र), विद्या वाचस्पति। प्रकाशित कृतियाँ– 6 ग़ज़ल संग्रह, 3 गीत-संग्रह, 1 नवगीत-संग्रह, 1 दोहा एवं मुक्तक संग्रह, 1 कुंडलियाँ-संग्रह, 1 एकाग्र, 1 माँ बम्लेश्वरी का संक्षिप्त इतिहास। सम्पादन– 5 कृतियों का। सम्मान– छ.ग. के मुख्यमन्त्री द्वारा कबीर साहित्य रत्न सहित 100 से अधिक। सम्प्रति– निवर्तमान उप महाप्रबन्धक (पर्यावरण प्रबन्धन) एवं भू. जिला पर्यावरण।
प्रो. हूबनाथ
जन्म– 13 अप्रैल 1965, वाराणसी। मुम्बई विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक पद पर कार्यरत। मुम्बई विश्वविद्यालय की शोध-पत्रिका ‘शोधावरी’ का सम्पादन। काव्य त्रैमासिकी ‘युगीन काव्या’ तथा शोध-पत्रिका ‘अनभै’ का सह सम्पादन। ‘बाजा’, ‘हमारी बेटी’ तथा ‘अन्तर्द्वन्द्व’ फ़िल्मों में संवाद-लेखन। ‘बाजा’ बाल फ़िल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। ‘मुम्बई सर्वोदय मंडल’ के साथ जुड़कर विगत 26 बरसों से गाँधी विचारों का प्रचार-प्रसार। ‘स्त्री बाल शक्ति’ स्वयंसेवी संस्था में ट्रस्टी। ‘कौए’, ‘लोअर परेल’, ‘मिट्टी’ काव्य-संग्रह प्रकाशित। सिनेमा, साहित्य तथा संस्कृति पर लेखन। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के सन्त नामदेव पुरस्कार तथा प्रियदर्शिनी अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।
डॉ. सतीश पावडे
नाटककार, नाट्य निर्देशक, नाटय समीक्षक के रूप में देश में जाने जाते हैं। महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के परफॉर्मिंग आर्ट्स (फिल्म एंड थियेटर) विभाग में आप वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। आपकी नाटक, समीक्षा, चरित्र, अनुवाद, रूपांतर एवं सम्पादित ऐसी कुल 25 पुस्तकें प्रकाशित हैं। 38 नाटकों का निर्देशन, 21 नाटकों का लेखन, 20 नाटकों का अनुवाद/रूपांतरण भी आप के नाम पर है। पुरस्कार-स्मिता पाटील स्मृति पुरस्कार, यूनेस्को क्लब्ज अवार्ड, मंग्नम ऑनर अवार्ड, संगीतसूर्य पुरस्कार, महात्मा फुले एवं डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर साहित्य पुरस्कार, महाराष्ट्र सरकार का सर्वश्रेष्ठ नाटककार एवं सर्वोत्कृष्ट नाट्य समीक्षक पुरस्कार आपको प्रदान किया गया है। महाराष्ट्र सरकार के कामगार कल्याण मंडल का सर्वोत्कृष्ट प्रायोगिक नाट्यलेखक के पुरस्कार की आपने हैट्रिक भी दर्ज की है।
प्रो. योगेन्द्रनाथ शुक्ल
जन्म– 4 मार्च, 1956। शिक्षा : एम.ए. (गोल्ड मेडलिस्ट), पी-एच. डी.। देश के महत्त्वपूर्ण लघुकथाकार। 625 लघुकथाएँ प्रकाशित। ‘काफला इन्टरनेशनल राइटर्स फेस्टिवल एंड कॉन्फ्रेंस’ की शोध-पत्रिका (2018) का सम्पादन। राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों एवं कलाकारों के अभिनन्दन ग्रन्थों का सम्पादन। सदस्य : म.प्र. हिन्दी ग्रन्थ अकादमी। सम्मान– साहित्य सेवा के लिए देश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित। सम्प्रति– पूर्व प्राध्यापक (हिन्दी) एवं पूर्व प्राचार्य निर्भयसिंह पटेल शासकीय विज्ञान महाविद्यालय इन्दौर (म.प्र.)।
डॉ. रश्मि दीक्षित
बी.एस-सी., एम.ए. (हिन्दी साहित्य), पी-एच. डी.। प्रकाशन– कहानी, लघुकथा, कवितायें, समीक्षा, शोधपत्र, विज्ञान-लेख अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। साझा संकलनों में कहानी, कविताओं का प्रकाशन। आकाशवाणी से कहानी, वार्ताओं का प्रसारण। साहित्यिक आयोजनों में भागीदारी। एक पुस्तक ‘धरोहर’ प्रकाशित। सम्प्रति– कर्मवीर विद्यापीठ, खंडवा में अतिथि व्याख्याता।
डॉ. श्रीपर्णा तरफदार
कलकत्ता विश्वविद्यालय (प्रेसिडेंसी महाविद्यालय) से हिन्दी में बी.ए. (ऑनर्स) और एम.ए. (इग्नू) अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। विश्वभारती, शान्तिनिकेतन से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त (विषय– धूमिल के काव्य में राजनीतिक चेतना)। हिन्दी की विभिन्न स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित। सम्प्रति– कोलकाता के बंगवासी मॉर्निंग कॉलेज के हिन्दी विभाग में सहायक प्राध्यापिका के रूप में अध्यापन।
दिव्या प्रसाद
जन्मस्थान–कोलकाता, शिक्षा– एम.फिल. (हिन्दी), ‘यूजीसी नेट’ (राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा) प्रकाशित रचनायें– साहित्य, समाज और सिनेमा पुस्तक में ‘हिन्दी, सिनेमा : देखते ही देखते’ शीर्षक से आलेख, वीक्षा पत्रिका में आलेख प्रकाशित, सृजनोन्मुख पत्रिका और विविध पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित। शीघ्र प्रकाश्य-व्यक्ति व्यंजना–विद्यानिवास मिश्र : मूल्यांकन। सम्प्रति– सुरेन्द्रनाथ सांध्य कॉलेज, कोलकाता में प्रध्यापिका।
डॉ. सरलता
जन्म– 03 सितम्बर। एम. ए. (हिन्दी), एम. ए. (अँग्रेजी), एम. एड., पी-एच. डी. (हिन्दी) आधुनिक लम्बी कविताओं पर विशेष अध्ययन व कार्य, सहलेखन– हिन्दी भाषा संरचना और भाषा विज्ञान, पाश्चात्य काव्यलोचन प्रकाशनाधीन– इक्कीसवीं सदी की लम्बी कविता, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्वीकृत पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर अनेक शोध पत्र प्रकाशित।
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Weight | 450 g |
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Dimensions | 23 × 16 × 2 in |
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