







Shouchalya ka Choukidar (Prose Satire) / शौचालय का चौकीदार
₹599.00
FREE SHIPMENT FOR ORDER ABOVE Rs.149/- FREE BY REGD. BOOK POST
Read eBook in Mobile APP
पुस्तक के बारे में
आज तोताराम आते ही बोला– मास्टर, मोदी जी भले कितने ही व्यस्त हों लेकिन जनता के सुख-दुःख में शामिल होने के लिए समय निकाल ही लेते हैं। तू भी अपनी शादी का कार्ड उन्हें ज़रूर भेजना।
हमने कहा– ठीक है, मोदी जी किसी का दिल नहीं तोड़ते। वे प्रियंका चोपड़ा की शादी में भी बधाई देने पहुँचे थे। और अब गुजरात के किसी युवराज ने उन्हें अपनी शादी का कार्ड भेजा तो उन्होंने उसकी देश भक्ति की प्रशंसा करते हुए उत्तर भी दिया था। अब यह पता नहीं कि यह बधाई उस युवराज को रफाल सौदे में मोदी सरकार की प्रशंसा करने के पुरस्कार स्वरूप दी गई है या शादी की सफलता के लिए दी गई है। वैसे हमारा तो अनुभव यही है कि देशभक्ति की मात्रा ज्यादा होने पर व्यक्ति सिद्धार्थ की तरह बुद्ध बनने के िलए, की-कराई शादी को भी निरस्त करके देश-दुनिया की सेवा करने के लिए घर छोड़कर निकल पड़ता है। इसलिए यदि इस युवराज को सफल वैवाहिक जीवन की कामना है तो फिर मनमोहन सिंह जी से आशीर्वाद लेना चाहिए था।
वैसे हम न तो कहीं के युवराज हैं, न प्रियंका चोपड़ा की तरह सेलेब्रिटी। और फिर शादी किसकी?
बोला– इस साल 10 मई को तेरी शादी को साठ साल पूरे हो जाएँगे। शादी के साठ वर्ष पूरे होने पर दुबारा शादी करने का भी एक संस्कार दक्षिण भारत में मनाया जाता है। वही मना ले। उसीके कार्ड छपवाकर उसमें आठ लाख वार्षिक से कम आय वाले सवर्णों और अल्पसंख्यकों को 10% आरक्षण देने, आयुष योजना, प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की प्रशंसा करते हुए कुछ वाक्य डाल दे। फिर देख तेरे वैवाहिक निमंत्रण-पत्र का उत्तर आता है कि नहीं।
हमने कहा– लेकिन उससे क्या होगा? बिना बात कार्ड छपवाने का खर्चा क्यों करें? हाँ, यदि अब भी वे पे कमीशन का एरियर दे दें तो यह काम भी कर सकते हैं।
बोला– इसके लिए भी एक आइडिया है। अपने निमंत्रण-पत्र में मोटे अक्षरों में एक लाइन यह भी जोड़ दे कि मेहमानों के लिए जलपान की व्यवस्था उस दिन तक पे कमीशन का एरियर मिल जाने की स्थिति में ही की जाएगी।
हमने कहा– तोताराम, आइडिया तो बढ़िया है लेकिन कहीं मोदी जी की शुभकामनाओं से ऐसा तो नहीं हो जाएगा कि हम देश सेवा के लिए तेरी भाभी को छोड़कर निकल जाएँ। ऐसा हुआ तो मुश्किल हो जाएगी।
बोला– इसकी तो गारंटी नहीं दे सकता क्योंकि बंदा पोरबंदर के चमत्कारी हनुमान से कम नहीं है। देखा नहीं, मोदी जी के प्रभाव के कारण ही राहुल ने शादी न करने की प्रतिज्ञा कर ली थी। वैसे गृहत्याग की स्थिति में भी तेरे लिए लाभ का एक विकल्प खुला हुआ है। तब योगी जी द्वारा निराश्रितों को दी जाने वाली पेंशन के लिए आवेदन कर देना।
21 जनवरी 2019
…इसी पुस्तक से…
- Description
- Additional information
Description
Description
रमेश जोशी
18 अगस्त 1942 को शेखावाटी के शिक्षा और संस्कृति की दृष्टि से समृद्ध कस्बे चिड़ावा (झुंझुनू-राजस्थान) में जन्म।
राजस्थान विश्वविद्यालय से एम. ए. हिंदी और रीजनल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, भोपाल से बी.एड.।
40 वर्षों तक प्राथमिक विद्यालयों से महाविद्यालय तक भाषा-शिक्षण के बाद 2002 में केंद्रीय विद्यालय संगठन से सेवा-निवृत्त।
शिक्षण के दौरान पोरबंदर से पोर्टब्लेयर तक देश के विभिन्न भागों की संस्कृति और जीवन से जीवंत परिचय ने सोच को विस्तार और उदारता प्रदान की।
1958 में साप्ताहिक हिंदुस्तान में प्रकाशन से छपने का सिलसिला शुरू हुआ जो कमोबेश नियमित-अनियमित रूप से 1990 तक चलता रहा। इसके बाद नियमित लेखन।
अपने समय की लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित, अब भी कई समाचार पत्रों में कॉलम लेखन।
अब तक व्यंग्य विधा में गद्य-पद्य की दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित।
अनेक सम्मानों और पुरस्कारों से अलंकृत।
दो शोधार्थी व्यंग्य साहित्य पर शोधरत।
पिछले 22 वर्षों से अमरीका में आवास-प्रवास।
2012 से अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति अमरीका की त्रैमासिक पत्रिका ‘विश्वा’ का संपादन।
ब्लॉग : jhoothasach.blogspot.com
संपर्क : भारत : दुर्गादास कॉलोनी, कृषि उपज मंडी के पास, सीकर-332-001 (राजस्थान) # 094601-55700
अमरीका : 10046, PARKLAND DRIVE, TWINSBURG, O.H., U.S.A. 44087 # 330-989-8115
E-MAIL : joshikavirai@gmail.com
Additional information
Additional information
Product Options / Binding Type |
---|
Related Products
-
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewAnthology / Sanchayan / Essays / Compilation, Art and Culture / Kala avam Sanskriti, Criticism / Aalochana, Dalit Vimarsh, Education / General Knowledge, Hard Bound, History / Political Science / Constitution / Movement, Paperback, Philosophy / Darshan Shastra
Nyay, Naitikta aur Manvadhikar ke Sawal / न्याय, नैतिकता और मानवाधिकार के सवाल
₹450.00 – ₹999.00 -
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View
-
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View
-
Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewArt and Culture / Kala avam Sanskriti, Fiction, Hard Bound, New Releases, North East ka Sahitya, Novel, Panchayat / Village Milieu / Gramin, Top Selling, Translation from Indian Languages, Tribal Literature / Aadivasi
Varsha Devi ka Gatha Geet / वर्षा देवी का गाथागीत (असम की जनजातियों पर आधारित उपन्याय, मूल असमिया से हिन्दी में)
₹500.00