

Hindi Bhasha Sanrachna aur Bhasha Vigyan – हिन्दी भाषा संरचना और भाषा विज्ञान – Linguistics
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अनुक्रम
- भूमिका
- भाषा
- हिन्दी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- हिन्दी का भाषिक स्वरूप
- भाषा विज्ञान : स्वरूप एवं व्याप्ति
- स्वन विज्ञान (ध्वनि विज्ञान)
- रूप-विज्ञान
- अर्थ विज्ञान
- वाक्य विज्ञान
- देवनागरी लिपि की विशेषताएँ एवं मानकीकरण
- हिन्दी के विविध रूप और संवैधानिक स्थिति
- कम्प्यूटर और हिन्दी
- Description
- Additional information
Description
Description
भाषा सतत प्रवहमान निर्झर है। इसका प्रवाह भाषाविद् नहीं जन सामान्य निर्धारित करता है। भाषा वैज्ञानिक तो उस प्रवाह और प्रवृत्ति का अध्ययन और विश्लेषण मात्र करता है। यह विश्लेषण अनुसन्धानात्मक होता है। अनुसन्धान के निष्कर्षों के आधार पर भाषा की फितरत और मानक तय किये जाते हैं। आज का युग संचार का युग है। विश्व की भाषाएँ आज जितने करीब हैं, उतने करीब पहले कभी नहीं रहीं। यही कारण है कि भाषा में सर्वाधिक तीव्र गति से परिवर्तन इस नयी सदी में हुए हैं। इक्कीसवीं सदी के विद्यार्थी पिछली सदी के विद्यार्थियों से अधिक सजग और जिज्ञासु हैं। इनकी जिज्ञासा की शान्ति के लिए शिक्षकों को नये रूप में तैयार होना होगा। इस पुस्तक के लेखन में यह दृष्टिकोण हमारे सम्मुख रहा है।
मैंने अनुभव किया कि भाषा विज्ञान के अध्यापन में कुछ नयी बातें भी समाविष्ट की जानी चाहिए। पहले ध्वनि-विज्ञान का विवेचन इतना विस्तृत था कि उसमें स्वन विज्ञान समाविष्ट हो जाता था। अब स्वन विज्ञान और ध्वनि विज्ञान के अन्तर को स्पष्ट करके समझाया जाता है।
हिन्दी का अनुप्रयोग राजभाषा के रूप में अधिक किया जा रहा है। यद्यपि जन-सामान्य में हिन्दी आज हिंगलिश के रूप में प्रयुक्त हो रही है। भाषाओं में क्रियोलीकरण की प्रवृत्ति इस सदी में बहुत बढ़ी है, विशेषकर भारतीय भाषाओं में। इस कारण भाषा विज्ञान की सैद्धान्तिक विशिष्टताओं को व्याख्यायित करते हुए हिन्दी को सहज-सरल रूप में विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत करना समय की माँग है। यह पुस्तक इसी दृष्टिकोण को लेकर लिखी गयी है।
हिन्दी के भाषा विज्ञान के साथ-साथ आज प्रत्येक विश्वविद्यालय में प्रयोजनमूलक हिन्दी का भी भाग अभ्यासक्रम में रहता है। विद्यार्थी इन दोनों विषयों का ज्ञान एक ही पुस्तक के द्वारा प्राप्त कर सकें, इसलिए इसमें प्रयोजनमूलक हिन्दी का भी कुछ अंश समाहित किया गया है। कम्प्यूटर एवं राजभाषा से सम्बन्धित ज्ञान आज अनिवार्य है। भाषा को अद्यतन करने के लिए यह आवश्यक है।
डॉ. राम प्रकाश
डॉ. श्यामबाबू शर्मा
डॉ. सरलता
Additional information
Additional information
Weight | 450 g |
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Dimensions | 23 × 16 × 2 in |
Product Options / Binding Type |
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