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Eric Hobsbawm – Ek Vaishvik Drishta / एरिक हॉब्सबॉम – एक वैश्विक दृष्टा

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Language: Hindi
Pages: 372
Book Dimension: 5.5″x8.5″

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SKU: 9789389341263

Description

जयप्रकाश ‘धूमकेतु’

कवि, आलोचक, संस्कृतिकर्मी आलोचना की किताब और कविता संग्रह प्रकाशित। अपने महत्वपूर्ण विशेषांकों के लिए विशेष चर्चित हिंदी की पत्रिका ‘अभिनव क़दम’ का 1996 से संपादन। हिंदी की दर्जनों पत्रिकाओं में लेख, कविता, समीक्षा, रिपोर्ट प्रकाशित। लगातार तीस वर्षों से जनवादी कार्यक्रमों का आयोजन। रंगमंच से सक्रिय जुड़ाव। पूर्वांचल भारत में सक्रिय संस्कृतिकर्मी के रूप मे ख्यात। संप्रति : सांस्कृतिक चेतना विस्तार के लिए प्रतिबद्ध राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ के सर्वेसर्वा।

अमरेन्द्र कुमार शर्मा

कवि, आलोचक। आलोचना की दो किताबें 1. आपातकाल : हिंदी साहित्य और पत्रकारिता; 2. आलोचना का स्वराज प्रकाशित। आधुनिक हिंदी कविता में युद्ध का समाजशास्त्र विषय पर पुस्तक प्रकाशनाधीन। आलोचना, नया ज्ञानोदय, वागर्थ, वसुधा, समयांतर, बहुवचन, वर्तमान साहित्य, पक्षधर, अनहद, साखी, प्रस्थान, परिचय, समकालीन सोच, पुस्तक वार्ता, पूर्वग्रह आदि पत्रिकाओं में तीन दर्जन से अधिक लेख सहित साक्षात्कार और कविताएँ प्रकाशित। ‘तुलनात्मक साहित्य विश्वकोश’ और ‘वर्धा शब्दकोश’ परियोजना में योगदान। साहित्य के साथ कला माध्यमों और सामाजिक विज्ञान के रिश्ते पर लगातार चिंतन और लेखन आजकल ‘ज्ञान’ के विकास में ‘नदी,यात्रा और स्वप्न’ के रिश्ते की पड़ताल के साथ-साथ भारत और विश्व के क्लासिक उपन्यास और उसपर बनी फिल्मों पर तुलनात्मक रूप से एक विस्तृत कार्य-योजना पर लेखन। संप्रति : महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में अध्यापन और 2012 से ‘अभिनव कदम’ पत्रिका का सह-संपादन।

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