Ek Akar Ghas (Translation of Selected of English Poetry)
एक एकड़ घास (अँग्रेजी कविताओं का एक चयन)

Ek Akar Ghas (Translation of Selected of English Poetry)
एक एकड़ घास (अँग्रेजी कविताओं का एक चयन)

299.00

Author(s)Narmedshwar
लेखक — नर्मदेश्वर

| ANUUGYA BOOKS | HINDI |

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Description

पुस्तक के बारे में

प्रख्यात कवि, कथाकार नर्मदेश्‍वर जी ने हिन्दीभाषियों को एक नायाब तोहफा दिया है। अँग्रेजी भाषा के कुछ लोकप्रिय और कालजयी कविताओं के अनुवादों की यह पुस्तक समकालीन रचना-जगत की विरल और स्तुत्य घटना है। एक समय था जब अधिकांश हिन्दी लेखक और सुधी पाठक अँग्रेजी कविता एवं साहित्य से सहज ही परिचित या अन्तरंग होते थे। आज अँग्रेजी के बढ़ते प्रचार और वर्चस्व के बावजूद इस महान भाषा की कविता से हमारा परिचय और वास्ता क्षीण हुआ है। नर्मदेश्‍वर जी ने शेक्सपियर से लेकर वर्डस्वर्थ, यीट‍्स होते फिलिप लार्किन तक की प्रतिनिधि कविताओं का चयन और रमणीय अनुवाद प्रस्तुत किया है।
ये अनुवाद अक्सर छंदोबद्ध हैं और जहाँ तक सम्भव हुआ है उसी लय में हैं। यह बेहद कठिन काम था। ‘लिडा ऐंड दि स्वान’ सरीखी जटिल और नाजुक कविता का मार्मिक रूपान्तर पढ़कर मैं स्तब्ध रह गया। ऐसी ही समतुल्यता प्राय: हर कहीं है जो जरा भी सायास नहीं लगती। कविताओं का चयन अनुवाद की सुगमता के अनुसार नहीं वरन‍् श्रेष्ठता को ध्यान में रखकर किया गया है और इन अनुवादों से हिन्दी कविता को एक नयी निधि प्राप्त हो रही है जो अन्यथा मयस्सर नहीं होती, क्योंकि आज दुनिया की अन्य भाषाओं से अनुवाद अँग्रेजी के मुकाबले कहीं ज्यादा हो रहे हैं। मान लिया जाता है कि अँग्रेजी तो उपलब्ध है ही। नर्मदेश्‍वर जी ने अत्यन्त धैर्य और निपुणता से एक-एक पंक्ति, शब्द और संगीत को हिन्दी में ढाला है। मूल निरन्तर अक्षत है। कहीं कोई टूटन नहीं। बल्कि कई बार तो सुपरिचित को हिन्दी में पढ़कर मैं खुद अर्थ के अप्रत्याशित उद‍्भास से चकित रह गया हूँ। नर्मदेश्‍वर जी के ये अनुवाद बच्चन, दिनकर, रघुवीर सहाय, विष्णु खरे के अनुवादों के समकक्ष और किंचित समृद्धतर ही हैं। जहाँ आवश्यक हुआ है अनुवादक ने भोजपुरी शब्दों का भी सुगम प्रयोग किया है। सबसे बड़ी बात ये कि अनुवाद मूल की छायाप्रति नहीं, बल्कि नया अवतार हैं; भगिनी भाषा हिन्दी में। इस अवदान के लिए समस्त हिन्दी समाज, विशेषकर काव्यप्रेमी नर्मदेश्‍वर जी के ऋणी रहेंगे। हर पाठक को कम-से-कम एक बार इसका अवगाहन करना ही चाहिए। अस्तु।

– अरुण कमल

प्रेम का शोक गीत
मौत कहाँ, जल्दी आ जाओ,
आ उदास सरू के नीचे ला मुझे सुलाओ;
साँसें तुम जल्दी उड़‍ जाओ;
मेरे कातिल उस कुमारी की याद भुलाओ।
सदाबहार फूल ले आओ,
मेरा उजला कफन सजाओ;
मेरी मौत हुई कैसे, इस किस्से को अब मत दुहराओ
कोई सच्चा नहीं जिसे तुम इसका भागीदार बनाओ।

एक फूल भी सुन्दर कोई मत ले आना
मेरी काली शवपेटी पर मत फैलाना;
मेरे शव का स्वागत करने कोई दोस्त न आने पाये
कहाँ अस्थियाँ होंगी मेरी, इस पर माथा नहीं खपाना;
आह-उसाँसे हों हजार वे बच जायेंगी
ऐसी जगह मुझे ले जाना,
जहाँ न पहुँचे सच्चे प्रेमी मुँह लटकाये
मत अब उनका रुदन सुनाना।

DIRGE OF LOVE
–W. Shakespeare

अनुक्रम

  • हरे वनों में पेड़ तले
  • यह था प्रेमी एक
  • वर्तमान का उत्सव
  • (प्रेम) गीत
  • बहो, जोर से शीत लहर तुम
  • प्रेम का शोक गीत
  • एक समुद्री शोकगीत
  • सारी दुनिया एक रंगमंच है
  • हो या नहीं
  • कल और कल और कल
  • महान प्रकृति
  • डैफोडिल से
  • अपने अन्धेपन पर
  • सुखी जीवन
  • मक्खी
  • कुमुदिनी
  • दिन
  • हर्ष
  • एक दिव्य आकृति
  • एक सपना
  • चिमनी साफ करने वाला (एक)
  • चिमनी साफ करने वाला (दो)
  • काला बच्चा
  • मानव-मन
  • विषवृक्ष‍
  • हृदय उल्लसित होता मेरा
  • चेतना थी एक झपकी ले रही
  • कटनीहारिन
  • गिटार वाली महिला से
  • ओजिमान्दियस
  • बेवा चिड़िया
  • चाँद से
  • एक शब्द
  • जब कोमल स्वर बुझ जाते हैं
  • जब हम दोनों विदा हुए थे
  • निर्मम सुन्दरी
  • होड़ न मैंने किया किसी से
  • एक कुमारी का पछतावा
  • साफ याद है मुझे
  • शब्द आखिरी ये औरत के
  • जिन्दगी प्यार में
  • मुझे याद करना
  • गीत
  • मैं वह एक
  • प्यार किया है मैंने मुरझाते फूलों से
  • बुलबुलें
  • यदि
  • जब हो जाओ वृद्धा
  • कोट
  • एक जवान लड़की से
  • मृत्यु
  • युद्धकालीन ध्यान
  • दूसरा अवतार
  • लिडा और हंस
  • एक एकड़ घास
  • तो क्या
  • जंगली बूढ़ा बदमाश आदमी
  • महान दिन
  • प्रेरणा
  • राजनीति
  • लम्बी टाँगोंवाली मक्खी
  • बिजूका
  • सागर की ओर
  • हर कोई गा उठा
  • दु:ख
  • आपेरा के बाद
  • निष्ठा
  • चिन्तन
  • रहस्यवादी
  • सुन्दर बुढ़ापा
  • बूढ़े लोग
  • आदमी का रूप
  • चरम सत्ता
  • मृत्यु-यान
  • जे. अल्फ्रेड प्रूफॉर्क का प्रेम-गीत
  • खोखले लोग
  • मारिना
  • शादी की पच्चीसवीं सालगिरह
  • नश्‍वरता
  • आर्फियस
  • औचक बसन्त
  • स्पेनी अराजकतावादियों के लिए एक गीत
  • बमबारी
  • एक सैक्सन गीत
  • दो पुश्त
  • बाँझ
  • ऐसा होता है
  • महाशय पूप का स्मृति-चिह‍्न
  • किया दस्तखत जो कागज पर
  • चाहा बहुत चला जाऊँ मैं
  • यह रोटी जो मैं तोड़ रहा
  • तूफानी दिन
  • गिरजा-गमन
  • प्रस्थान

Additional information

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