







Chand se Paani (Collection of Peotry) by Shiromani Mahto चाँद से पानी (कविता संग्रह – शिरोमणि महतो))
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Author(s) — Shiromani Mahto
लेखक — शिरोमणि महतो
| ANUUGYA BOOKS | HINDI| 95 Pages | PAPER BOUND | 2018 |
| 5.5 x 8.5 Inches | 250 grams | ISBN : 978-93-86810-15-1 |
- Description
Description
Description
80 के बाद के कवियों में शिरोमणि महतो अपने खास मिजाज और नजरिए के कारण अपना अलग स्थान रखते हैं। इन्होंने अब के समय के केन्द्रीय कवियों के समानान्तर कवि कर्म किया और प्रतिरोध की निजी शैली विकसित अर्जित की। इन्हें समानान्तर हिन्दी कविता की पहली पीढी का प्रमुख हस्ताक्षर माना जाना चाहिए…!
शिरोमणि महतो की कविताएँ अपने कहन और भाषा की पृथकता की वजह से अलग सेे पहचानी जा सकती हैं। कविता कहने का उनका अलग अंदाज उन्हें अपने समय के दूसरे कवियों से अलग पहचान देता है- ‘तब कटोरे के पानी में /चॅाद को देखता था /अब चॉद के कटोरा में / पानी देखना चाहता हूॅ!’
—श्रीरंग, कवि-आलोचक, इलाहाबाद
शालीनता
(अग्रज कवि महादेव टोप्पो के लिए)
हिमालय जितना उँचा है
उतना हीं अपने तन को
बर्फ से ढके रखता–
कहीं अहंकार की अग्नि
धधक न उठे–
चाँद इतना निर्मल है
कि -उसने अपने मुख पर दाग लिया–
ताकि घमंड से उसका सौन्दर्य
भडक न पाये–
कदाचित इसीलिए
मेरे एक बुजुर्ग मित्र
जो एक बड़े अधिकारी हैं और कवि हैं:
वे अपने मुख से
शब्दों को लार के शहद में डूबोकर
बाहर निकालते हैं –
उन्हे हमेशा डर होता
कि कहीं उनके शब्द
तानाशाह के कोड़े न बन जाये!
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