Author: Upanshu / उपांशु

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    THAHARNA-BHATKANA / ठहरना-भटकना

    गिरहें

    जब त्वचा का त्वचा पर खुरचना उबासी का सबब बनने लगे
    समझ लेना चाहिए, साथ इकट्ठी की गई स्मृतियाँ फीकी होने लगीं हैं,
    उससे द्वेष नहीं रखा जा रहा,
    अब बस…

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