नरोत्तम नागर
अनुवादक, नरोत्तम नागर का न तो चित्र ही उपलब्ध है, न ही उनके बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध हुई है, सिवा इसके कि वे लखनऊ के रहनेवाले थे और अमृतलाल नागर के सहयोगी थे। अमृतलाल नागर के साथ मिलकर उन्होंने फरवरी, 1938 से 3 अक्टूबर, 1938 तक ‘चक्कलस’ नामक एक व्यंग्य पत्रिका का सम्पादन किया था। वे फ़्रीलांसर थे और रूसी दूतावास के अनुरोध पर उन्होंने पारिश्रमिक लेकर सभी अनुवाद किए थे।
Fiction, Hard Bound, Hindi/English/Urdu Classics, Novel, Paperback, Russian Classics / Raduga / Pragati, Stories / Kahani, Translation of Foreign Origin
Maxim Gorky kee Kahaniyan / मकसीम गोरिकी की कहानियाँ – Russian Classic Stories
नरोत्तम नागर
अनुवादक, नरोत्तम नागर का न तो चित्र ही उपलब्ध है, न ही उनके बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध हुई है, सिवा इसके कि वे लखनऊ के…
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