मीराल अल-तहावी
मिस्री उपन्यासकर मीराल अल-तहावी अपने फ़िक्शन में मिस्र के बद्दू जीवन को नयी नज़र के साथ पेश करती हैं। वे स्वयं भी बद्दुओं के एक क़बीले ‘अलहनादी’ से हैं। मीराल नील नदी के डेल्टा में स्थित राज्य ‘अलशर्क़िया’ में 1968 में पैदा हुईं । 1995 में अरबी साहित्य में एम.ए. किया और क़ाहिरा यूनिवर्सिटी से क्लासिकी अरबी भाषा में शोध करने के बाद वहीं अध्यापन शुरू किया। उनका पहला कहानी-संग्रह 1995 में छपा। ‘अल-ख़िबा’ (ख़ेमा) उनका पहला उपन्यास है जो 1996 में प्रकाशित हुआ। मीराल तहावी के अन्य उपन्यास ‘अलबाज़िन्जान अज़्ज़रका’ (Blue Aubergine, 1998), ‘नक़रात-अल-ज़िबा’ (Gazelle Tracks, 2008) और ‘ब्रुकलिन हाइट्स’ हैं। ब्रुकलिन हाइट्स के लिए 2010 में नजीब महफ़ूज़ मैडल से सम्मानित की गयीं और 2011 के अरबी बुकर प्राइज़ के लिए नामित हुईं। 2007 में वे अमेरिका जा बसीं और अब एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं।
ख़ेमा को अक्टूबर 2022 में अबू धाबी अरबी लैंग्वेज सेंटर ने बीसवीं शताब्दी में अरबी भाषा के 101 बेहतरीन उपन्यासों की सूची में शामिल किया है।
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-1%Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewFiction / कपोल -कल्पित, New Releases / नवीनतम, Novel / उपन्यास, Paperback / पेपरबैक, Translation (from English or Foreign) / अंग्रेजी अथवा अन्य विदेशी भाषाओं से अनुदित, Urdu / उर्दू
KHAIMA (Urdu translation of Egyptian)
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