कौशल्य कुमारसिंघ

कौशल्य कुमारसिंघे श्रीलंकाई लेखक, अनुवादक, शोधार्थी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 2014 में प्रकाशित आपका प्रथम उपन्यास ‘इस छुपी हुई खिड़की में झाँको’ समकालीन सिंहल कथा-साहित्य में अनूठा साहित्यिक प्रयोग रहा है। उक्त उपन्यास का अनुवाद तमिल, हिंदी और उर्दू में हुआ और भारत और पाकिस्तान में प्रकाशन हुआ। आपका दूसरा उपन्यास 2019 में प्रकाशित हुआ। आपके उपन्यास के अंश अंग्रेजी में अनूदित होकर ‘रॉउटलेज कंपेनियन टू सिंहला : फिक्शन फ्रॉम पोस्ट-वार श्रीलंका’ (2022) में शामिल हुए हैं। आप सिंहल भाषा की पत्रिका, ‘पतित’, के संपादक हैं। बतौर अनुवादक आपने समाजिक नृविज्ञान तथा दर्शन संबंधी साहित्य का अनुवाद सिंहल में किया है। वर्तमान में आप ‘द मेकिंग ऑफ रोमांटिक लव इन श्रीलंका’ नामक विषय पर शोधरत हैं।

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