डॉ. जानकीप्रसाद शर्मा
जानकीप्रसाद शर्मा — जन्म : 5 मार्च, 1950, सिरोंज (विदिशा) मध्यप्रदेश। प्रमुख प्रकाशन– आलोचना : कहते हैं जिसको ‘नज़ीर’; उर्दू अदब के सरोकार; उर्दू साहित्य की परम्परा; गाहे बगाहे; कहानी का वर्तमान; शानी (साहित्य अकादेमी मोनोग्राफ़); कहानी : एक संवाद; उपन्यास : एक अन्तर्यात्रा; कविता की नई काइनात और रामविलास शर्मा और उर्दू। सम्पादित पुस्तकें : शानी आदमी और अदीब; उर्दू शाइरी का गुलदस्ता (हिन्दी-उर्दू-जापानी में); ‘उद्भावना’ पत्रिका के मजाज़, मंटो, इस्मत चुग़ताई और साहिर विशेषांक। शानी रचनावली का सम्पादन (छह खण्डों में)। अनुवाद – उर्दू से हिन्दी अनुवाद की तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों में से तेरह पुस्तकें साहित्य अकादेमी से प्रकाशित। सज्जाद ज़हीर की रौशनाई; निदा फ़ाज़्ली की आत्मकथा दीवारों के बाहर; क़ाज़ी अब्दुस्सत्तार के उपन्यास दाराशिकोह व ग़ालिब के अनुवाद बतौरे-ख़ास उल्लेखनीय। शानी पर लिखे अपने हिन्दी मोनोग्राफ़ का स्वत: कृत उर्दू अनुवाद साहित्य अकादेमी से प्रकाशित।
सम्पर्क : बी-330, अशोक नगर, शाहदरा, दिल्ली-110093
मो. नं. : 09811517897
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Criticism Aalochana / आलोचना, Hard Bound / सजिल्द, Paperback / पेपरबैक, Poetry / Shayari / Ghazal / Geet — कविता / शायरी / गज़ल / गीत
Kahte hain jisko ‘Nazeer’
कहते हैं जिसको ‘नज़ीर’Author(s) — Dr. Jankiprasad Sharma
लेखक — डॉ. जानकीप्रसाद शर्मा
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 224 Pages | 2022 | 6 x 9 inches |
| available in HARD BOUND & PAPER…
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Criticism Aalochana / आलोचना, Paperback / पेपरबैक
Premchand: Yatharthvadi Pariprekshya
प्रेमचन्द : यथार्थवादी परिप्रेक्ष्यEditor(s) — Dr. Rajkumar Sharma & Dr. Jankiprasad Sharma
सम्पादक — डॉ. राजकुमार शर्मा एवं डॉ. जानकीप्रसाद शर्मा
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 183 Pages | 2022 | 6 x 9…
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