







Aadivasi Jeewan-Jagat ki Baraha Kahaniyan, Ek Natak<br>आदिवासी जीवन-जगत की बारह कहानियाँ, एक नाटक
₹175.00 – ₹300.00
FREE SHIPMENT FOR ORDER ABOVE Rs.149/- FREE BY REGD. BOOK POST
Amazon : Buy Link
Flipkart : Buy Link
Kindle : Buy Link
NotNul : Buy Link
Author(s) — Vinod Kumar
लेखक — विनोद कुमार
| ANUUGYA BOOKS | HINDI| 144 Pages | 5.5 x 8.5 Inches | 350 grams | 2017 |
| available in PAPER BACK & HARD BOUND |
- Description
- Additional information
Description
Description
पुस्तक के बारे में
आदिवासी जीवन, संघर्ष व राजनीति पर ‘समर शेष है’, ‘मिशन झारखण्ड’ और ‘रेड जोन’ जैसे उपन्यासों के लेखक विनोद कुमार पत्रकारिता और सामाजिक आंदोलनधर्मिता के संगम पर खड़े होकर किये जाने वाले प्रतिबद्ध लेखन के लिये जाने जाते हैं। आपका यह कहानी संकलन भी आदिवासी समाज के विविध आयामों को सामने लाता है। लेकिन यदि आप आदिवासी जीवन की इन कहानियों में भीषण विपन्नता, नैराश्य और अंधविश्वास के अश्क खोजना चाहेंगे तो वह आपको नहीं मिलेगा। ये कहानियां जीवन को संपूर्णता से स्वीकार करने की है, प्रकृति के साथ आदिवासी समाज के तादात्म की है, प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करते आदिवासी समाज की जीजीविषा की है। और है पतनशील पूंजीवादी समाज के जीवन मूल्यों के बरबक्स मजबूती से खड़े श्रमशील आदिवासी समाज के उदात्त जीवन मूल्यों की जिन्हें दुर्भाग्य से हम पिछड़ा समाज मानते हैं।
सम्पर्क – मो. 94311 64510
E-mail : vinodkr.@gmail.com
कहानियाँ
1. एक दुनिया अलग सी
2. काठ चाहिए
3. भगिनी
4. हम भी हिन्दू
5. चाँदनी रातें
6. भूरी आँखे
7. करकी
8. एक थी एनी
9. नियोमगिरि राजा
10. टीस
11. मोर
12. हूल
नाटिका
13. बुधनी
लेखक के बारे में
विनोद कुमार
पत्रकार की परिधि लांघ कर अक्सर सोशल एक्टिविस्ट हो जाने वाले विनोद कुमार का समाज और जनसंघर्षों से गहरा लगाव रहा है। जेपी के नेतृत्व में हुए छात्र आंदोलन से आपने विषम भारतीय समाज की सच्चाइयों को समझा और सामाजिक बदलाव के सपने को मूर्त रूप देने के लिए झारखंड के आदिवासी इलाके को अपना ठिकाना बनाया। इसके बाद प्रिंट मीडिया में चले आए और ‘प्रभात खबर’ के साथ जुड़कर जनपक्षीय पत्रकारिता का अर्थ ढूँढऩे लगे। यहाँ भी अखबार प्रबंधन के साथ मुठभेड़ें हुई और अंतत: पत्रकारिता छोड़ दी। संघर्ष के इस दौर में देश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में लिखा। देशज सवालों पर रांची से प्रकाशित ‘देशज स्वर’ मासिक पत्रिका के संपादक भी रहे जिसके आदिवासी-देशज विषयक अंक खासे चर्चे में रहे। बहरहाल, पत्रकारिता में रिपोर्टिंग और मीडिया के दोहरेपन से संघर्ष की लंबी पारी खेलने के बाद अब उपन्यास लिख रहे हैं। झारखंड आंदोलन पर ‘समर शेष है’ और ‘मिशन झारखंड’ उनके दो चर्चित उपन्यास हैं। मौजूदा झारखंड और आदिवासी नेतृत्व व सवालों पर हिंदी में उनकी ये दोनों औपन्यासिक कृतियाँ उल्लेखनीय सृजनात्मक दस्तावेज हैं। इसके अतिरिक्त वे छिटपुट कहानियाँ भी लिखते रहे हैं और बार-बार आदिवासी गाँवों की ओर लौटते रहे हैं। संपर्क–मो. 09162881515 e-mail : vinodkr.ranchi@gmail.com
Additional information
Additional information
Weight | N/A |
---|---|
Dimensions | N/A |
Product Options / Binding Type |
Related Products
-
-20%Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewBhojpuri / भोजपुरी, Fiction / कपोल -कल्पित, Hard Bound / सजिल्द, New Releases / नवीनतम, Novel / उपन्यास, Panchayat / Village Milieu / Gramin / पंचायत / ग्रामीण परिप्रेक्ष्य, Paperback / पेपरबैक, Stories / Kahani / कहानी
Girne Wala Bunglow aur anya Katha Sahitya
₹144.00 – ₹240.00
गिरने वाला बंगला एवं अन्य कथा साहित्य -
Novel / उपन्यास, Paperback / पेपरबैक
Keharayan – Kali-Kaal Ki Marubhumi Mein Janmi ek Mahagatha (Novels) केहरायन — कलि-काल की मरुभूमि में जन्मी एक महागाथा (उपन्यास)
₹450.00Original price was: ₹450.00.₹380.00Current price is: ₹380.00. -
Hard Bound / सजिल्द, Novel / उपन्यास
Khamosh Lamhon ka Safar (Upnyas) खामोश लम्हों का सफर (उपन्यास)
₹250.00Original price was: ₹250.00.₹225.00Current price is: ₹225.00. -
Criticism Aalochana / आलोचना, Novel / उपन्यास, Paperback / पेपरबैक, Sanchayan / Essays / Compilation संचयन / निबंध / संकलन (Anthology), Women Discourse / Stri Vimarsh / स्त्री विमर्श
Nikash par Tatsam (Rajee Seth kai upanyas par Ekagra) निकष पर तत्सम (राजी सेठ के उपन्यास पर एकाग्र)
₹250.00Original price was: ₹250.00.₹225.00Current price is: ₹225.00.