सुधीर वत्स ने वर्ष 2011 में अनुज्ञा बुक्स की स्थापना हिंदी भाषा में साहित्यिक, सूचनात्मक, मनोरंजक प्रगतिशील, रचनात्मक, प्रासंगिक सामाजिक सरोकारों पर सस्ती किताबें प्रदान करने के उद्देश्य से की है। हालांकि जल्द ही इसने अपनी सूची में उर्दू और अंग्रेजी शीर्षक भी जोड़ दिए हैं। उत्कृष्ट जन-जातीय और श्रेष्ठ प्राचीन साहित्य के साथ-साथ उत्पीड़ितों, दबे-कुचलों, वंचितों व अल्पसंख्यकों से संबंधित साहित्य का प्रकाशन अनुज्ञा की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके साथ-साथ अनुज्ञा अनुपलब्ध साहित्य भी पाठकों को सहज उपलब्ध करा रहे हैं।
अनुज्ञा ने बहुत ही कम समय में मानविकी, राजनीति, अध्यात्म, जन-संस्कृति, उपन्यास, नाटक, कविताएँ, कथा, गैर-काल्पनिक, जन-जातीय (आदिवासी), महिला सशक्तिकरण, इतिहास, प्राचीन श्रेष्ठ साहित्य, बाल साहित्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएच.डी. थीसिस के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों आदि विषय पर गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें प्रकाशित करके प्रकाशन क्षेत्र में अपनी जगह बना ली है।
जन-जातीय (आदिवासी) साहित्य तथा हिंदी में अनूदित श्रेष्ठ रूसी साहित्य की श्रृंखला ने प्रतिष्ठित साहित्यिकारों, गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक रूप से जागरूक पाठकों से हमें काफी प्रशंसा मिली है।
विभिन्न विषयों पर प्रति वर्ष लगभग 100 पुस्तकों का प्रकाशन अनुज्ञा की प्रतिबद्धता दर्शाता हैं। अनुज्ञा बुक्स ने ई-पुस्तकों के प्रकाशन के साथ डिजिटल युग को अपना लिया है। आप अपना ऑर्डर, हमारी वेबसाइट https://anuugyabooks.com पर प्रेषित कर सकते है। अन्य ऑनलाइन पोर्टल जैसे अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट पर बिकने वाली हमारी प्रत्येक पुस्तक के लिंक भी हमारी वेबसाइट पर लगे हैं।
Anuugya Books was founded in 2011 by Sudhir Vats with a view to provide socially relevant, literary, informative, entertaining progressive, constructive and affordable books in Hindi Language though soon it added Urdu and English titles in their list. Despite the Tribal & Classics, the Literature pertaining to different oppressed, depressed and cornered societies like Minorities spread across the India is on the top priority of Annugya. Anuugya is also publishing the Literature which is not easily available for readers over the past several years.
Within a short span of time Anuugya has made a place in the publishing field by publishing quality books on almost all streams of interests, viz. Humanities, Politics, Spirituality, Popular Culture, Novels, Plays, Poems, Fiction, Non-fiction, Tribal Affairs (Adivasi), Women Empowerment, History, Classics, Children’s Books, Health & Good-living, Ph.D. Thesis, and various topics of general interest.
Our books pertaining to Tribal Literature (Adivasi Issues) and Hindi translation series of Russian Classics have earned us great accolade from the Literary Personalities, NGOs circle and socially conscious readers.
By Publishing nearly 100 titles a year we are committed to contribute to emerging disciplines too. The Anuugya Books has also embraced the digital age with e-books being published. Order can be Placed online on our website https://anuugyabooks.com. The links books selling on other online selling portals like Amazon & Flipkart are also on our website with each book.