







Choupal : Gaon ki Kahaniyan <br> चौपाल : गांव की कहानियाँ
₹350.00 Original price was: ₹350.00.₹270.00Current price is: ₹270.00.
FREE SHIPMENT FOR ORDER ABOVE Rs.149/- FREE BY REGD. BOOK POST
Amazon : Buy Link
Flipkart : Buy Link
Kindle : Buy Link
NotNul : Buy Link
Author(s) — Narmedshwar
लेखक — नर्मदेश्वर
| ANUUGYA BOOKS | HINDI | 5.5 x 8.5 inches |
Choose Paper Back or Hard Bound from the Binding type to place order
अपनी पसंद पेपर बैक या हार्ड बाउंड चुनने के लिये नीचे दिये Binding type से चुने
- Description
- Additional information
Description
Description
पुस्तक के बारे में
पति अब गाँजे में चरस और अफीम मिलाकर पीने लगे। उनका ननिहाल गाजीपुर के पास एक गाँव में था। उन दिनों वहाँ पोस्ते की खेती होती थी। भगिने के आग्रह पर उनके मामा दो-चार किलो पोस्त के दाने और मटर-भर अफीम अक्सर पहुँचा दिया करते थे। गाँजा पीने के बाद वे पोस्ते का हलवा खाना बहुत पसन्द करते थे। गाँजे का व्यापारी उनका गाँजा थोक भाव से पहुँचा जाता था। कस्बे के सेठों से वे विभिन्न शहरों से तरह-तरह के चीलम भी मँगवाया करते थे। उनके पास स्फटिक का भी एक चीलम था जिस पर अँधेरे में दम लगाने पर गुल नीचे सरकता हुआ दिखाई देता था।
उस साल जूनागढ़ अखाड़े का एक नागा संन्यासी बैठके के बेलवृक्ष के नीचे अपनी धुनी रमा रहा था। वह दिन-रात कुछ खाता-पिता नहीं था। वह सिर्फ चाय और गाँजा पीता था। उनके पति अपने को नागा साधु से भी बड़ा गँजेड़ी समझने की भूल कर बैठे। साधु को छकाने के लिए उन्होंने गाँजे में अफीम की मात्रा अधिक मिला दी। उस रात उन्होंने खाना नहीं खाया। सोये तो फिर सोये ही रह गये।
कुएँ की जगत पर धूप आ चुकी थी। कपड़े बदलकर चाची मानस-पाठ करने लगीं। अब वे मास-पारायण की जगह नवाह्न पारायण करने लगी थीं। केवट-प्रसंग पढ़ते हुए उनकी आँखों में आँसू भर आये। नदी के उस पार रेत पर खड़े राम की जगह उन्हें अपने पति नजर आये और केवट के चेहरे में उन्हें सरजू का चेहरा दिखाई दिया। पति असमंजस में थे। चाची उनके मन की बात भाँप गयी थीं। पति कह रहे थे, ‘बचपन से लेकर आज तक सरजू ने हमारी बहुत सेवा की है। राजा जी कहलाने के दम्भ में मैंने अपनी सारी जायदाद फूँक डाली। हाथ की मैल की तरह मुझे जायदाद जाने का कोई गम नहीं है। दु:ख की बात यह है कि मैंने सरजू की सेवाओं के बदले उसे कुछ भी नहीं दिया…।’
अपने पति को आश्वासन देते हुए चाची ने मन-ही-मन कहा, ‘सरजू को भेजकर मैं आपके वकील दोस्त मंगल बाबू को इतवार के दिन अपने घर बुलाऊँगी।
…इसी पुस्तक से…
चार दशकों से लेखन में निरन्तर सक्रिय नर्मदेश्वर हिन्दी कथा-साहित्य के सुपरिचित और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं। मूल रूप से वे गाँव, किसान और आदिवासी जीवन के कथाकार हैं। इधर कई वर्षों से वे ‘परिकथा’ के ‘चौपाल’ स्तम्भ के लिए गाँव की कहानियाँ लिखते रहे हैं। इस संग्रह की ‘बाँसुरी’ कहानी को छोड़कर शेष सारी कहानियाँ ‘परिकथा’ के इसी स्तम्भ में प्रकाशित और चर्चित हो चुकी हैं। चौपाल ग्रामीण जीवन की गतिविधियों का अहम केन्द्र होता है जहाँ बैठकर लोग अपनी दैनन्दिन समस्याओं के साथ-साथ विभिन्न अनुभवों और विचारों को भी आपस में साझा करते हैं। विवादों के निपटारे से लेकर ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं पर निर्णय भी यहीं लिए जाते हैं। इस संग्रह की कहानियाँ इन्हीं ग्रामीण संवादों की कलात्मक प्रस्तुति हैं। इन कहानियों में गाँव अपने प्राकृतिक परिवेश, पशु-पक्षी, जीव-जन्तु, पेड़-पौधों, वन-पर्वतों और नदी-नालों के साथ अपनी सम्पूर्णता में मौजूद है। ‘फन्दा’ और ‘धर्म संकट’ किसान-जीवन की कहानियाँ हैं। ‘कोरनटीन’ और ‘विदाई’ कोरोना काल की त्रासदी को अलग-अलग नजरिए से सामने लाती हैं। ‘रंगतन्त्र’ बड़े ही नये ढंग से नस्ल-भेद पर प्रहार करती है। ‘स्वेटर’ का डाकिया बाजार का मारा है तो ‘बाँसुरी’ का संगीत-प्रेमी अपनी कला को सामाजिक सरोकारों से जोड़ता है। इस संग्रह की सारी कहानियाँ गाँव में हो रहे बदलाओं की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करती हैं। अछूते कथ्य और ताजा अनुभवों के बल पर ये कहानियाँ समकालीन कथा-लेखन में अपनी अलग पहचान रखती हुई दिखाई देती हैं।
अनुक्रम
- फन्दा
- धर्मसंकट
- खजाना
- चौथा आदमी
- बरगद-सभा
- रंगतंत्र
- कोरनटीन
- मसान
- स्वेटर
- विदाई
- बाँसुरी
Additional information
Additional information
Weight | N/A |
---|---|
Dimensions | N/A |
Product Options / Binding Type |
Related Products
-
-20%Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick ViewFiction / कपोल -कल्पित, Hard Bound / सजिल्द, Stories / Kahani / कहानी
Shaligram kee Aanchalik Kahaniyan / शालिग्राम की आंचलिक कहानियाँ
₹350.00Original price was: ₹350.00.₹280.00Current price is: ₹280.00. -
-1%Select options This product has multiple variants. The options may be chosen on the product pageQuick View
-
Fiction / कपोल -कल्पित, Hard Bound / सजिल्द, Stories / Kahani / कहानी, Women Discourse / Stri Vimarsh / स्त्री विमर्श
Ujalon ke Rang (Collection of Stories)उजालों के रंग (कहानी संग्रह)
₹300.00Original price was: ₹300.00.₹255.00Current price is: ₹255.00. -
Art and Culture / Kala avam Sanskriti / कला एवं संस्कृति, Fiction / कपोल -कल्पित, Paperback / पेपरबैक, Stories / Kahani / कहानी, Top Selling, Tribal Literature / आदिवासी साहित्य, Women Discourse / Stri Vimarsh / स्त्री विमर्श
Aadivasiyat aur Stree Chetna ki Kahaniyan आदिवासित और स्त्री चेतना की कहानियाँ
₹175.00