Kasbai Aurton ke Kisse(Collection of Stories)
कस्बाई औरतों के किस्से (कहानी संग्रह)

/, Dalit Discourse / दलित विमर्श, Fiction / कपोल -कल्पित, Hard Bound / सजिल्द, Paperback / पेपरबैक, Stories / कहानी संग्रह/Kasbai Aurton ke Kisse(Collection of Stories)
कस्बाई औरतों के किस्से (कहानी संग्रह)

Kasbai Aurton ke Kisse(Collection of Stories)
कस्बाई औरतों के किस्से (कहानी संग्रह)

225.00350.00

Available on backorder

Autor(s) — Shekhar Mallik
लेखक — शेखर मल्लिक

| ANUUGYA BOOKS | HINDI| 200 Pages | 5.5 x 8.5 Inches |

| available in HARD BOUND & PAPER BACK |

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Description

अगर कहा जाय कि आज किसी कस्बे की औरतों के किस्से सुनाये जायेंगे, तो ज्यादातर लोगों के दिमाग में यह आयेगा कि चलो, कुछ नंगी, भरपूर मांसल इश्कबाजियों, अवैध सम्बन्धों की रस-भरी बातें तबियत बनाने को बतायी जाने वाली हैं! लेकिन इस पूर्वाग्रह का मतलब फिर यही होगा कि आप कस्बे की औरतों को ठीक से नहीं जानते… उनके अन्दाज़-ए-हयात को समझने की कूबत आप में है ही नहीं… फिर आप इन किस्सों का लुत्$फ नहीं उठा सकते…! किस्से के अन्त में आप कुछ निजी निष्कर्षों, पूर्वाग्रहों और दोषारोपणों के साथ चुपचाप किस्सों और किरदारों को भूल जायेंगे… इसलिए एक आग्रह है, कि ऐसे लोग इस पूर्वकथन के बाद आगे ना बढ़ें (पढ़ें)!
…कस्बाई औरतों के किस्से, केवल सही-गलत मुहब्बत या अवैध सम्बन्धों के किस्से नहीं होते, बल्कि अमूमन… जिन्दगी के कुछ वाकये ऐसे होते हैं, जिनके बारे में कोई नहीं जानता! ये कस्बे की औरतें थोड़ा और तरह से जीती हैं, लड़ती हैं, प्रेम करती हैं… ये थोड़ा ‘और’ या ‘अलग’ तरह क्या है, इसी बात को किस्सों की शक्ल में बुन लिया गया है…
…किस्सा है तो, ‘थीम’ होगी ही! तो ‘इश्क’ से ज्यादा मुफीद थीम क्या हो सकती है?
इन किस्सों में एक क़स्बे की अनेक स्त्रियों में से कुछ स्त्रियाँ हैं… इन्हें इन किस्सों के ‘किरदार’ कहा जाय!… मुख्य किरदार… कस्बे के अलग-अलग हिस्सों के प्रतिनिधि किरदार…

…इसी पुस्तक से…

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